Thursday, March 18, 2010

हमेशा यूहीं महकती रहिये | HINDI KAVITA


हमेशा यूहीं महकती रहिये
हमेश यूहीं चहकती रहिये
हमसे मिलिए
ना मिलिए
ये कोई जरूरी बात नहीं
पर मौसमो से,
हवाओं से,
फूलों से,
सर्वस्व प्रकृति से,
जरूर से मिलती रहिये
गोया उनको आपका स्पर्श चाहिए
स्वयं जीने के लिए
सम्पूर्ण कायनात को
जीवन देने के लिए।

#मन7    ,  manojgupta0707.blogspot.com

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