मुझको मालुम है के तुम
एक मृगमरीचिका से बढ़कर तो
शायद कुछ भी नहीं
पर इतना भी क्या कम है के
एक उम्मीद तो देती हो
चाहे झूठी ही सही.
--मन--
एक मृगमरीचिका से बढ़कर तो
शायद कुछ भी नहीं
पर इतना भी क्या कम है के
एक उम्मीद तो देती हो
चाहे झूठी ही सही.
--मन--
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