Monday, April 17, 2017

सूरज जैसा धरती को करता है वैसे वाला प्यार ..

सूरज जैसा धरती को करता है
वैसे वाला प्यार
ना कोई आशा..
ना अपेक्षा..
ना ही इंतज़ार..
वैसे वाला प्यार
करोड़ों सालो से हर पल..हर क्षण जलते रहना
और धरती को ऊष्मा..प्रकाश..जीवन देते रहना
वैसे वाला प्यार
जानते हुए की धरती निष्ठुर है..
और निर्मम भी...
और बेपरवाह
फिर भी अपनी ही धुन में मग्न..प्रेम-मय रहना
वैसे वाला प्यार
सूरज जैसा धरती को करता है
वैसे वाला प्यार
ना कोई आशा..ना अपेक्षा..ना ही इंतज़ार..
वैसे वाला प्यार।
-मन 🌙🌹
(ये कविता मेरे दोस्त अरुण से हुयी बातचीत से उपजी है। अरुण को साधुवाद 😊🙏💐)

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