झीलों जैसी आँखों वाली
तुम बेहद गहरी लगती हो
तुम बेहद गहरी लगती हो
तुम ये कहती हो
तुम वो कहती हो
जो कहती हो अच्छी लगती हो
कितनी गहरी हो तुम ,बस तुम खुद जानती हो
कितने तूफ़ान ,कितनी इच्छायें ,कितना अनकहा ,कितना सपना
छुपा है अंतर में तेरे ,बस तुम खुद जानती हो
झीलों जैसी आँखों वाली
तुम बेहद गहरी लगती हो.
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