सूर्योदय अब बस होने को है
तुम स्वागत को तैयार रहो
कुछ पल की अब और कश्मकश,फिर ख़ुशियाँ
तुम ह्रदय से स्वीकार करो
उसके आने से छँट जाएगा हर अंधेरा
और फैलेगा प्रकाश चहुँ ओर
उस प्रकाश को अपने अंतर में भरकर
तुम प्रभु का आभार करो
सूर्योदय अब बस होने को है
तुम स्वागत को तैयार रहो।
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