दिल के लगाने के लिए
तेरा ही तसव्वुर , हर दीवाने को
अब शिकवा करूँ
तो किस किस से करूँ
अब शिकवा करूँ
तो किस किस से करूँ
जबकी मुझको भी है मालूम
की सारे जहाँ की
नज़ाकत ,
नफासत ,
हसीनियत ,
सिमट के रह गयी
फ़क़त आपके किरदार में ही
तो बस
आपकी ही तम्मन्ना
आपका ही ख़याल
हर पागल परवाने को
दिल के लगाने के लिए
तेरा ही तसव्वुर , हर दीवाने को।
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