Monday, October 20, 2014

तुझको देखा था पहली बार, कॉलेज के गर्ल्स commen रूम के बाहर,...

मेरी एक बोहोत ही ख़ास दोस्त डिम्पल को उसके जन्मदिन पर समर्पित---
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तुझको देखा था पहली बार,
कॉलेज के गर्ल्स commen रूम के बाहर,
सनसनाता हुआ एक तूफ़ान सी थी तू,
और मेरे साथ था,एक निरीह बकरी सा मेरा यार,
तुझको तो मालुम कहाँ था हम दोनों के दिल का हाल.
मै तो थोड़ा थोड़ा,पर वो तो बोहोत करता था तुझसे प्यार,
फिर मैंने दोस्त के लिए अपने नन्हे से प्यार को कर दिया कुर्बान,
तुझसे दोस्ती बढ़ाई और दोस्त की सेटिंग कराई,
यार तू तो उससे शादी करके सेट हो गयी,
साला मै तुम लोगो की सेटिंग में अपना सब कुछ खो बैठा,
इतना बेध्यान हो गया था मै,मेरी अपनी सेटिंग को कोई और ही लूट बैठा,
फिर हम सब अपनी अपनी जिंदगी के संघर्ष में खो गए,
पास पास रहते रहते भी बोहोत दूर दूर से हो गए,
अब इतने सालो के बाद हमसब फिर से साथ साथ है,
कभी कभी जल्दी से मिल पाते है तो कभी देर से,
पर दिल से एकदम पास पास है..
पर दिल से एकदम पास पास है.............

--मन--








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