"दीप सी रोशन रहना तुम.. यूँही
और दुनिया भर की आकांक्षा बन जाना
अपने किरदार को,ख़ुद से भी ज़्यादा ख़ूबसूरत बनाना
और धरा से अम्बर तक विस्तृत हो जाना तुम
तुम माडर्न और कोंटेम्प्रेरी का मिश्रण बनना
सोच से माडर्न पर संस्कारो से कंटेम्परेरी होकर रह जाना तुम
सदा अपनी राह ख़ुद चुनना तुम
जीवन में निर्भय,निर्विकार आगे चलती जाना तुम
"जीवन में निर्भय,निर्विकार आगे चलती जाना तुम"
और दुनिया भर की आकांक्षा बन जाना
अपने किरदार को,ख़ुद से भी ज़्यादा ख़ूबसूरत बनाना
और धरा से अम्बर तक विस्तृत हो जाना तुम
तुम माडर्न और कोंटेम्प्रेरी का मिश्रण बनना
सोच से माडर्न पर संस्कारो से कंटेम्परेरी होकर रह जाना तुम
सदा अपनी राह ख़ुद चुनना तुम
जीवन में निर्भय,निर्विकार आगे चलती जाना तुम
"जीवन में निर्भय,निर्विकार आगे चलती जाना तुम"
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