Tuesday, August 12, 2014

ऐ चाँद | HINDI KAVITA







ऐ चाँद तेरा दीदार नहीं हो रहा 
ईद दूर है और अमावस्या की रात बहुत लम्बी 

पर क्या फ़र्क़ पड़ता है

हमको तो फ़क़त तेरे
दीदार का है शौक-ऐ -जुनूं
फिर मौत आये तो आये
क्या फ़र्क़ पड़ता है 

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