ऐ चाँद तेरा दीदार नहीं हो रहा ईद दूर है और अमावस्या की रात बहुत लम्बी
पर क्या फ़र्क़ पड़ता हैहमको तो फ़क़त तेरेदीदार का है शौक-ऐ -जुनूंफिर मौत आये तो आयेक्या फ़र्क़ पड़ता है
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