एक वो जो दुनिया समझती है के
मैं हूँ
और एक वो
जो मैं हूँ सच में
किसको जिलाऊँ (जीवित रखूँ)
किसको मारूँ
इसी सोच में रोज़
तिल तिल मरा जा रहा हूँ मैं
मैं हूँ
और एक वो
जो मैं हूँ सच में
किसको जिलाऊँ (जीवित रखूँ)
किसको मारूँ
इसी सोच में रोज़
तिल तिल मरा जा रहा हूँ मैं
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