Saturday, September 2, 2017

तुम कहती हो की..

तुम कहती हो की...
अब उम्र नहीं
मैं कहता हूँ...
इसकी मुझे फ़िक्र नहीं
उस जन्नत में भी नहीं
रहना मुझको..जिसमें
तेरी ख़ुशबू...
तेरा वजूद...
तेरा ज़िक्र नहीं

-मअन 🌙🌹

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