Saturday, July 11, 2020

अंडा-करी


बात यूहीं कोई 1992 की है 
जी हाँ यही कोई बस 28 साल पहले की
पर मनु को आज भी याद है
मनु ने तभी नया-नया शिवाजी कॉलेज में सेकंड ईयर में एडमिशन लिया था
वैसे माइग्रेशन लिया था कहें ,
तो ज्यादा ठीक होगा  :)

अब उन दिनों कॉलेज में माइग्रेशन वाले स्टूडेंट्स को दूसरे दर्जे का समझा जाता था
जो स्टूडेंट्स पहले से कॉलेज में होते थे वो
इन माइग्रेशन वाले स्टूडेंट्स से ना तो बात करते थे
ना ही उन्हें अपने ग्रुप में एंट्री देते थे
मनु और उसके तीन दोस्तों ने एक साथ शिवाजी कॉलेज में माइग्रेशन लिया था
पर अब वो चारों कॉलेज में खुद को बड़ा आउट ऑफ़ प्लेस महसूस कर रहे थे
बहुत कोशिश करने के बाद भी
उनकी पुराने बने ग्रुप्स में कोई एंट्री ही नहीं हो पा रही थी
कई तिकड़म लगाए पर सब फ़ैल
बड़ी मुश्किल से अभी दो दिन पहले
भारती नाम की एक लड़की से बस सतही सी बातचीत हुयी थी

और मनु को हैरानी तब हुयी जब भारती ने अपने जन्मदिन (26 नवंबर ) के लिए
मनु और मनु के तीनों दोस्तों सुशिल,जीतू और महेश को अपने घर इन्वाइट कर लिया
इन चारों का तो खुशी और आश्चर्य से बुरा हाल था
पाँव ही धरती पर नहीं पड़ रहे थे
पहली बार कॉलेज की किसी लड़की ने उन्हें इस काबिल समझा था की
अपने घर ,
अपनी जन्मदिन की पार्टी में बुलाया था
भारती के घर जाने से पहले दिन चारों की एक स्पेशल मीटिंग हुयी
अजेंडा था-
पार्टी में क्या पहना जाएगा ,?
क्या गिफ्ट लेकर जाना है  ?
कौन किसको पिक करेगा ?

खैर तय समय धड़कता दिल लिए
अपने बेस्ट कपडे पहनकर
मनु और उसके तीनों दोस्त भारती के घर पहुँच गए थे
वहाँ भारती ही नहीं बल्कि
भारती की मम्मी, भाई और बहन ने
जब वहाँ चारों को अच्छे से अटेंड किया
तब जाकर मनु की जान में जान आयी
वरना तो एक डर ये भी था की कहीं ये उन चारों को नीचा दिखाने का कोई प्रैंक ना हो :)

बर्थडे पार्टी वास् जस्ट फैंटास्टिक :)
भारती ने अपने और भी कई दोस्तों को बुलाया हुआ था
कुछ कॉलेज के
कुछ स्कूल से
कुछ मोहल्ले से
ये मनु के लिए बिलकुल ही नया सा अनुभव था
किसी लड़की दोस्त के घर जाने का
और एक बर्थडे पार्टी अटेंड करने का
पार्टी ,म्यूजिक ,हँसी ,बेतकल्लुफ मौहोल
उससे भी अच्छा था वो प्यार
वो अपनापन
जिस तरह भारती ने मनु को उस पार्टी में ट्रीट किया :)

खाना वास् जस्ट ओसम :)
खासकर अंडा-करी :)
अब वेज फॅमिली से आनेवाले मनु ने पहली बार कोई नॉनवेज डिश खाई थी 
और भी इतनी टेस्टी की आज 28 साल बाद भी स्वाद याद है 
पता नहीं मनु ने कितनी बार अंडा-करी ली और खाई 


इतने साल बीत गए
मनु ने चौथाई दुनिया घूम ली
इतने इंटरनेशनल कुज़ीन खाये पर
वो अंडा-करी आज भी याद आती है
पता नहीं उस खाने में कुछ ख़ास था या
भारती और उसके प्यार-व्यवहार में

भारती आज भी ऐसी ही है
सॉफ्ट, बेतकल्लुफ, बेहतरीन इंसान
बेहतरीन दोस्त 
और अपनी अंडा-करी की तरह
अपने ऑर्बिट में आये हर व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक स्वाद और महक घोलती हुयी :)

#मन7  #दोस्ती  #friends  #friendship ,  manojgupta0707.blogspot.com




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