Friday, December 22, 2023

एक रुपया ज़िंदगानी | HINDI KAVITA



एक रुपया मिला था , ज़िंदगानी में 

तीन चौथाई .. बीत गया बेध्यानी में 

और पच्चीस पैसे जो बाकी रहा ,

वो भी तो अन्धकार में है 

शुगर और बीपी के करार में है 


तन हो याके मन हो , याके रूह मेरी ,

सब के सब जख्मी हैं , शॉक में हैं 

शर्माता हूँ .. कैसे कहूँ

के कगार पे हैं 


मुड़ के देखता हूँ

तो पता चलता है 

बस कुछ कागज़ , कुछ ईट कंक्रीट कमाये 

बाकी सब तो उलटा है 


संगी - साथी पीछे छूट गए 

दूर छूट गया कहीं मन मेरा  

अब तो मैं भी नहीं , वो भी नहीं और ये भी नहीं 

कुछ नहीं बचा अपना .. मेरा 


काश कुछ तो रहता , कुछ तो बचता 

जो होता मेरा अपना 

काश मै वही करता 

जो कभी था मेरा सपना 


एक रुपया मिला था , ज़िंदगानी में 

तीन चौथाई .. बीत गया बेध्यानी में 

( लेखक - मनोज गुप्ता )

#hindipoetry #hindiquotes #poetry #hindi #shayari #hindishayari #love #urdupoetry #shayri #lovequotes #shayar #writersofinstagram #quotes #hindipoem #poetrycommunity #hindikavita #hindiwriting #shayarilover #gulzar #instagram #writer #urdu #hindilines #mohabbat #hindipoems #urdushayari #sadshayari #hindiwriter #ishq #india



No comments:

Post a Comment