उनकी आँखों के ये दो ख़ूबसूरत मदहोश चराग
जलते है...
तो दुनिया ये रोशन सी लगे
मेरे मौला तू रौशनी इनकी..
बढ़ा और बढ़ा..
के इस बे-नूर के जीवन में..
कुछ तो नूर आ पाये.
--मन--
जलते है...
तो दुनिया ये रोशन सी लगे
मेरे मौला तू रौशनी इनकी..
बढ़ा और बढ़ा..
के इस बे-नूर के जीवन में..
कुछ तो नूर आ पाये.
--मन--
No comments:
Post a Comment