Monday, May 1, 2017

फ़क़त एक गुज़ारिश है मेरी..

फ़क़त एक गुज़ारिश है मेरी.. ज़ानेजाना तुमसे
जब तुम मिलोगी तब
चेहरे की जर्द लकीरों को नहीं
इस ख़ूबसूरत दिल को देख लेना
चेहरे पे कुछ झाँइयाँ तेरे इंतज़ार की
तो कुछ ग़मे-रोज़गार की है
रूह को देख लेना
इस बेडौल शरीर को नहीं
कुछ क़ुसूर मेरी बेपरवाही का सही
तो कुछ ...तेरे इश्क़ में गुज़रते अनगिनत सालों का असर भी तो है
खिचड़ी बालों को तो ज़रूर से इग्नोर कर देना तुम
कुछ उम्र के है..
कुछ बेंइंतिहा इश्क़ के..
तो कुछ तुझे याद करते करते फ़ना हुए जाते है ..😊
-मअन 🌙🌹

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