आस-ए -दीदार में
जिए जा रहा था मै
मरने सी हालत है अब
तेरे दीदार के बाद
फ़क़त एक ख़्वाइश है
तनहा मुलाकात की..बाकी
के फिर जी जाऊ
के मर जाऊ
मुझे फ़िक्र नहीं
जिए जा रहा था मै
मरने सी हालत है अब
तेरे दीदार के बाद
फ़क़त एक ख़्वाइश है
तनहा मुलाकात की..बाकी
के फिर जी जाऊ
के मर जाऊ
मुझे फ़िक्र नहीं
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