एक दिन
मैं फ़ज़ाओं में बिखर जाऊंगा
तब ना रहेगा ये बदन मेरा
और नाही कोई भरम मेरा
ना मेरा चेहरा
मैं फ़ज़ाओं में बिखर जाऊंगा
तब ना रहेगा ये बदन मेरा
और नाही कोई भरम मेरा
ना मेरा चेहरा
ना ही कोई खूबसूरती-बदसूरती
तब सिर्फ़ ख़ुशबू रह जाएगी
तब सिर्फ़ ख़ुशबू रह जाएगी
सोंधी-सोंधी
तेरे प्यार की
तेरे प्यार की
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