बढ़ती उम्र
महरूफ़ जिंदगानी
ज़हन में बस
हमारी अधूरी कहानी
ख़ुद से ही करता रहता हूँ
बेवजह तुम्हारी बातें..
ये बेवजह की बाते
ये बेसबब यादें
सुनो यही तो इश्क़ है
कहीं अब तुम्हें भी तो नहीं...
हो गया हो शायद.
महरूफ़ जिंदगानी
ज़हन में बस
हमारी अधूरी कहानी
ख़ुद से ही करता रहता हूँ
बेवजह तुम्हारी बातें..
ये बेवजह की बाते
ये बेसबब यादें
सुनो यही तो इश्क़ है
कहीं अब तुम्हें भी तो नहीं...
हो गया हो शायद.
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