" कम्बख्त नींद भी अब कहाँ आये
हर तरफ आप हैं
और आपका जमाल
कोई बस..... इतना ही बता दे मुझको
अभी-अभी बस कुछ चंद साँस पहले
ये सचमुच आप थी
या आपकी खुशबू
या महज़ आपका khyaal
हर तरफ आप हैं
और आपका जमाल
कोई बस..... इतना ही बता दे मुझको
अभी-अभी बस कुछ चंद साँस पहले
ये सचमुच आप थी
या आपकी खुशबू
या महज़ आपका khyaal
कम्बख्त नींद भी अब कहाँ आये
हर तरफ आप हैंऔर आपका जमाल "
No comments:
Post a Comment