चल अब उदासी छोड़ भी दे
ऐ मेरे दिल ,
कल सुबह फिर से
सूरज उदयीमान होगा
ऐ मेरे दिल ,
कल सुबह फिर से
सूरज उदयीमान होगा
हर लाचार नमी सोख लेगा वो फिर
चाहे किसी बेबस के आँसू हों या
फूलों-पत्तियों पर ढलकी हुयी ओस के मोती
या फिर बारिश का अनाथ पानी
धरती माँ का भी ठुकराया हुआ
तू बस विश्वास रख
अगाध विश्वास
चल अब उदासी छोड़ भी दे
ऐ मेरे दिल कल सुबह फिर से
सूरज उदयीमान होगा
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