Sunday, April 5, 2020

" सही "

मैं एक बहुत ही साधारण व्यक्ति हूँ
100 % गलत हो सकता हूँ
जो कहने जा रहा हूँ
अगर गलत लगे तो
करबद्ध माफ़ी पहले ही मांग रहा हूँ

आज मुस्लिम भाइयो के साथ जो बुरा बर्ताव हो रहा है उसके लिए जिम्मेदार
-मीडिया
-कुछ हिन्दू संगठन
और स्वयं
-मुस्लिम समाज से जुड़े बहुत सारे अशिक्षित,अंधविश्वासी और कट्टरवादी लोग और संगठन है

मैं स्वयं बचपन से (1988 से ) कांग्रेस का समर्थक रहा (क्युकी पिता कांग्रेस से जुड़े थे)
"आप" आयी तो लगा ये देश में कुछ बदलाव लाएंगे तो उनके साथ जुड़ गया
अभी उनसे भी कुछ मोह भंग हुआ है
पर अभी भी लगता की वो देश के लिए सबसे बेहतर उपलब्ध विकल्प हैं

"सही" करना हमेशा मुश्किल होता है
उससे तुरंत कुछ नुक्सान भी हो सकता है
पर भविष्य में उसे हमेशा सराहा ही जाएगा

कांग्रेस के शासन में हिन्दू-मुस्लिम मतभेद काफी कम थे
पर कांग्रेस ने कुछ बड़ी गलतिया की
शाह बानो,दिल्ली 1984,राम मंदिर मुद्दे पर शिथिल रवैय्या
अगर तब फौरी फायदा ना देखा होता और "सही" किया होता तो आज सर उठा कर देश का नेतृत्व करते

आज वही गलतियां बीजेपी कर रही है
गुजरात 2002, दिल्ली २०२०,मोब लॉन्चिंग और हिन्दू-मुस्लिम मतभेद को मौन समर्थन.
हालांकि मैं सोचता हूँ कश्मीर-370 और राम मंदिर पर सख्त फैसले कठोर पर "सही" हैं और
भविष्य में देश ये समझेगा

आज की जरूरत है की जहाँ एक ओर बीजेपी को हिंदुत्व से हट  कर "भारतीयता" पर काम करना होगा
 वर्ना बीजेपी का भी कांग्रेस जैसा हाल होगा
अब वो चाहे 2024  में हो या 2029  में
क्युकी
"जो सही है वो हमेशा सही ही रहेगा"

आज पढ़े-लिखे मुस्लिम तबके को भी जिम्मेदारी से आगे आना होगा
मुस्लिम समाज के लिए आधुनिक शिक्षा और कुरीतियों पर काम करना होगा
उन्हें सिख समुदाय से सीखना होगा की कैसे जब 1984 के बाद के वर्षो में जब एक बुरा शब्द इस समुदाय के साथ जुड़ रहा था तो इस समुदाय ने आत्ममंथन किया और आज कैसे हर आपदा में सिख समुदाय सबसे आगे सहायता करता दिखता  है और आज भारत का सबसे आधुनिक सोच वाला समुदाय है
-शादिया अक्सर सादी ,SUNDAY दोपहर में ,गुरूद्वारे में और वो भी बिना किसी अंधविश्वासी महुर्त के
-गुरूद्वारे आज विश्व के सबसे स्वच्छ और बगैर भेदभाव वाले धार्मिक स्थल
-निस्वार्थ कारसेवा और मुफ्त भोजन लंगर सभी के लिए

और बाकी रहा मीडिया, तो उसे त्याग दीजिये
मैंने कई सालो से टीवी न्यूज़ और अखवार छोड़ दिया है
अभी हाल में NDTV भी छोड़ दिया
अब केवल ललनटोप पर दिन में एक बार न्यूज़ देख लेता हूँ
मुझे लगता है ये सबसे आसान भाषा में गूढ़ मुद्दों को समझाते हैं
केवल खबर देते है
हमारी सोच पर हावी होने की कोशिश नहीं करते

इंसान हूँ
कुछ गलत कहा हो तो माफ़ कर दीजियेगा :)






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