वो बेमुर्रवत सा इंसान , मैं
जो तेरी यादों में हूँ
फ़क़त उतना ही नहीं रहा मैं
थोड़ा सा कहीं ज्यादा बना हूँ मैं
मेरी अपनी एक जमीं
अपना एक अदद आसमान
इससे भी कही ज़्यादा
और ज्यादा
जो तेरी यादों में हूँ
फ़क़त उतना ही नहीं रहा मैं
थोड़ा सा कहीं ज्यादा बना हूँ मैं
मेरी अपनी एक जमीं
अपना एक अदद आसमान
इससे भी कही ज़्यादा
और ज्यादा
विस्तृत बना हूँ मैं
तेरा प्यार ना मिला तो मैं
प्यार का सागर बन गया
जो-जो मिला उसे मोती दिए और
खुद निर्मल सीप बना हूँ मै
वो बेमुर्रवत सा इंसान , मैं
जो तेरी यादों में हूँ
फ़क़त उतना ही नहीं रहा मैं
थोड़ा सा कहीं ज्यादा बना हूँ मैं
तेरा प्यार ना मिला तो मैं
प्यार का सागर बन गया
जो-जो मिला उसे मोती दिए और
खुद निर्मल सीप बना हूँ मै
वो बेमुर्रवत सा इंसान , मैं
जो तेरी यादों में हूँ
फ़क़त उतना ही नहीं रहा मैं
थोड़ा सा कहीं ज्यादा बना हूँ मैं
No comments:
Post a Comment