बस कुछ 2 -3 साल पहले की बात है
बापू की आत्मा बहुत व्यथित हो चली थी
ख़ुद को भारतीय दिलों पर नहीं
केवल करेन्सी नोटो पर उकेरा देखकर
ग्लानि से उनका बुरा हाल था
हर तरफ़ अंधकार था
सत्ता का अहंकार था
रिश्वतख़ोरी का राज था
बेइमानो के सर पर ताज था
मन भारत से कही दूर चले जाने को था
यकायक
भारत के आसमान पे एक सूरज दमका
अरविंद नाम का एक फूल महका
अब सारी कायनात बदलने लगी है
कारवाँ बनने लगा है
और ईमानदारी फलने फूलने लगी है
अब बापू यह प्रसन्न है
अब भारत पर बापू का आशीर्वाद है
और अरविंद भाई का हम सब के दिल पे राज है
बापू की आत्मा बहुत व्यथित हो चली थी
ख़ुद को भारतीय दिलों पर नहीं
केवल करेन्सी नोटो पर उकेरा देखकर
ग्लानि से उनका बुरा हाल था
हर तरफ़ अंधकार था
सत्ता का अहंकार था
रिश्वतख़ोरी का राज था
बेइमानो के सर पर ताज था
मन भारत से कही दूर चले जाने को था
यकायक
भारत के आसमान पे एक सूरज दमका
अरविंद नाम का एक फूल महका
अब सारी कायनात बदलने लगी है
कारवाँ बनने लगा है
और ईमानदारी फलने फूलने लगी है
अब बापू यह प्रसन्न है
अब भारत पर बापू का आशीर्वाद है
और अरविंद भाई का हम सब के दिल पे राज है
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