" आप
हमेशा यूहीं महकती रहिये
हमेशा यूहीं चहकती रहिये
हमसे मिलिए
ना मिलिए
ये कोई जरूरी बात नहीं
पर मौसमों से,
हवाओं से,
फूलों से,
सर्वस्व प्रकृति से,
जरूर से मिलती रहिये
गोया उनको आपका स्पर्श चाहिए
स्वयं जीने के लिए
सम्पूर्ण कायनात को
जीवन देने के लिए "
( लेखक - मनोज गुप्ता )
#man0707
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