Friday, January 5, 2024

बीती बातें


 


"  बीती बातें  , अतीत की यादें  

अक्सर घेर लेतीं हैं मुझे , शाम आते आते 


कुछ पुराने दुःख , कॉफ़ी की भाप में उड़ने को बेताब रहतें हैं 

कुछ पुराने दर्द , आरामकुर्सी के पैरों में आबाद रहतें हैं 


मेरा वो गुलाब , मेरी पुरानी सी किताब में आज भी रखा है 

तेरा वो रूमाल , मेरी अधफंसी दराज में आज भी सजा है 


हर सुबह सोचता हूँ , आज फेंक दूँगा ये सब , अलाव के पास 

पर शाम होते होते भूल जाता हूँ , बचा लेता हूँ  ये झूठी आस ?


 बीती बातें  , अतीत की यादें  

अक्सर घेर लेतीं हैं मुझे , शाम आते आते  "

( लेखक - मनोज गुप्ता )

#man0707

manojgupta0707.blogspot.com

( इस कविता के शब्द मित्र 'छवि' के हैं , मैंने बस उन्हें पिरोने का काम किया है :) )




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