" सूरज जैसा धरती को करता है ,
वैसे वाला प्यार .
ना कोई आशा..ना अपेक्षा.. ,
ना ही इंतज़ार.. ,
वैसे वाला प्यार .
करोड़ों सालो से
हर पल.. हर क्षण
जलते रहना ,
और धरती को
ऊष्मा..प्रकाश.. जीवन देते रहना ,
वैसे वाला प्यार .
जानते हुए भी की धरती निष्ठुर है ,
और निर्मम भी और बेपरवाह .
फिर भी अपनी ही धुन में मग्न
एकतरफा प्रेम - मय रहना ,
वैसे वाला प्यार .
सूरज जैसा धरती को करता है ,
वैसे वाला प्यार .
ना कोई आशा.. ना अपेक्षा..
ना ही इंतज़ार ,
वैसे वाला प्यार "
( लेखक - मनोज गुप्ता )
#man0707
manojgupta0707.blogspot.com
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