" फूल आज भी खिल रहें हैं
चाँद भी रोज़ आता है
मतलब के तुम खुश हो कहीं
चहकना अब भी तुम को भाता है
मगर ये जो हवा में हलकी सी नमी है
तो डर लगता है के कहीं
के कुछ है , जो तुम्हारे दिल में
आज भी उदासी लाता है
फूल आज भी खिल रहें हैं
चाँद भी रोज़ आता है
मतलब के तुम खुश हो कहीं
चहकना अब भी तुम को भाता है "
( लेखक - मनोज गुप्ता )
#man0707
manojgupta0707.blogspot.com
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