Friday, January 12, 2024

पेड़ ना बन सका


 


" पेड़ ना बन सका

तो मैं घास बना
कुचला गया तो
बारिश तक इंतज़ार किया
और मैं फिर से तना


जिस-जिस ने मुझे कुचला ,

उनका शुक्रिया 

अग्नि मेरे ह्रदय बसी थी ,

सूर्य ने मुझे जीवन-ताप दिया ,

तो चंद्रमाँ  ने शीतलता ,

धरा ने अंक (गोद) में लिया   ,         

पवन ने सहलाया ,

तो बादल ने नहलाया ,

और मैं फिर से तना


पेड़ ना बन सका
तो मैं घास बना
कुचला गया तो
बारिश तक इंतज़ार किया
और मैं फिर से तना "

( मनोज गुप्ता )

#man0707

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