Monday, May 26, 2014

कल सुबह फिर से | HINDI KAVITA






चल अब उदासी छोड़ भी दे
ऐ मेरे दिल ,
कल सुबह फिर से 
सूरज उदयीमान होगा 

हर लाचार नमी सोख लेगा वो फिर 
चाहे किसी बेबस के आँसू हों या 
फूलों-पत्तियों पर ढलकी हुयी ओस के मोती
या फिर बारिश का अनाथ पानी
धरती माँ का भी ठुकराया हुआ  
तू बस विश्वास रख
अगाध विश्वास

चल अब उदासी छोड़ भी दे
ऐ मेरे दिल 
कल सुबह फिर से 
सूरज उदयीमान होगा 

Saturday, May 24, 2014

लाइट - हाउस | HINDI KAVITA



" मैं एक पुराना, खुरदुरा सा बदसूरत लाइट - हाउस हूँ 
निश्छल
रोशन  
अडिग 
स्तब्ध
आप एक खूबसूरत तूफानी नाव हैं ,
बेख़ौफ़
बेपरवाह
बेधड़क
बेरहम

मुझको मालूम है की आज आपको मेरी जरुरत नहीं 

मगर .... मगर 
जब तूफ़ान घेर लें तब तुम मेरी तरफ देखना
मैं राह भी दिखाऊंगा , जीने की आस भी दूंगा "

Friday, May 23, 2014

मुझे बस तेरी खुशियों की ख्वाइश है | HINDI KAVITA




" मुझे बस तेरी खुशियों की ख्वाइश है 

जन्नत की नहीं 

जन्नत उन्हें देदो , जो तेरे हमकदम है 

मुझे तो बस तेरी मुलसलल मुस्कराहट काफी है 

साँस लेते रहने के लिये 

जीते रहने के लिये "

Tuesday, May 20, 2014

गहरे तक HINDI KAVITA



दिल में एक काँटा गड़ा है
बरसों से 
गहरे तक 
ये दर्द बड़ा ही प्यारा है
बरसों से 
गहरे तक 
अब कैसे निकाल लूँ इस कांटे को, ये तो 
एक पुल है, हमारी रूहों के बीच
बरसों से  
गहरे तक 
बहुत गहरे तक।  

Saturday, May 10, 2014

वो शै जो ... | HINDI KAVITA



"अब तो ना पीते बनता है , न जीते हमसे 

ना मरते बनता है , ना कुछ करते हमसे 

वो शै जो सुकून देती थी , ना जाने कहाँ गयी 

क्या करूँ , कैसे जियूँ , प्यार अब भी है उनसे "


Friday, May 9, 2014

जब तुम थीं | HINDI KAVITA


जब तुम थीं 
राहत थी
सुकु था 
अब तो जुगनू भी 
झुलसा रहा मुझे 
आफताब की मानिंद। 


Wednesday, May 7, 2014

तू भी कहीं महकती होगी, चाहे दूर ही सही | HINDI KAVITA




जब रात की रानी की मादक खुशबू
तन-मन को मेरे महकाती है
तो याद आता है
तू भी कहीं महकती होगी
चाहे दूर ही सही

जब सूरज की पहली किरणें
मुझे , तेरे ख़्वाबों से जगातीं है
तो याद आता है
तू भी बस अभी अलसाई सी जागी होगी
चाहे दूर ही सही

जब कोयल की कुहू-कुहू
तेरी वो, कभी ना ख़त्म होने वाली बातें याद दिलाती है
तो याद आता है
तू अब भी कहीं चहकती होगी
चाहे दूर ही सही

जब बारिश की वो सर्द बौछारें
मुझे अंतर तक भिगा जाती है
तो याद आता है
तू भी बस इसी पल भीगी- बहकी सी होगी
चाहे दूर ही सही

जब प्रणय व्याकुल मोरनी
जंगल में प्रेम-मग्न नाचती है
तो याद आता है
तू भी कहीं मोरनी सी व्याकुल होगी
चाहे दूर ही सही

जब किसी का मादक सौंदर्य
तन-मन को मेरे बहकाता है
तो याद आता है
तू भी तो उसी मीठे दर्द में कसमसा रही होगी
चाहे दूर सही

जब रात की रानी की मादक खुशबू
तन-मन को मेरे महकाती है
तो याद आता है
तू भी कहीं महकती होगी
चाहे दूर ही सही.,    मुझसे  बहुत दूर ही सही.
(manoj gupta )
#man0707




आपका ख़याल | HINDI KAVITA




" कम्बख्त नींद भी अब कहाँ आये 
हर तरफ आप हैं
और आपका जमाल  
कोई बस..... इतना ही बता दे मुझको
अभी-अभी बस कुछ चंद साँस पहले  
ये सचमुच आप थी
या आपकी खुशबू 
या महज़ आपका khyaal 
कम्बख्त नींद भी अब कहाँ आये 
हर तरफ आप हैं
और आपका जमाल "

कहाँ तू और कहाँ मैं




कहाँ तू और कहाँ मैं 

जहां तू थी
एक खूबसूरत,मस्त बिंदास बाला
वहीँ मैं था
बहुत बड़ा भोंदू साला 
जीवंत ड्राइव में फुल स्पीड पे थी तू
और वहीं एक सन्नाटे में जी रहा था मैं
हम मिले तो तूने पहचाना था मुझे 

मेरे हीअंतर से मिलवाया था तूने मुझे 
फिर और भी लोग लगे थे कहने 
वाह मनु तू तो है वाह वाह
तूने वो क्लास दीनी थी मुझको 

जो खोज रहा था मैं बरसो से
22 साल का साथ हमारा 

लग रहा बस कल परसों से 
आज तू 40 साल की हुयी
पर मेरे लिए बस 20 की है तू अब भी
क्युकी मैं भी खुद भी 

21 से ज्यादा होना ना चाहूँ
बस खोजुं वो मस्ती पहली सी
wimpy,priya और सूरजकुंड
जहाँ नीलगगन में पंछी उड़ते 

और बना के अपना एक झुण्ड
आज की बात करें क्या हम तुम
क्या हैं हम,हम खुद भी ना जानें
क्या बन पाएंगे फिरसे
हम पहले से जाने-पहचाने 

आज फिर
एक तू थी और एक मैं था
जहां तू थी मस्त बिंदास बाला

वहीँ मैं था बहुत बड़ा भोंदू साला।

(ये कविता मैंने अपनी दोस्त कविता के लिए उसके ४० वे जन्मदिन पे लिखी थी )