Wednesday, February 22, 2017

हर गुफ़्तगू के शुरू..

सब जान के अनजान बनी रहती हैं 

परेशान करती हैं
हर गुफ़्तगू के शुरू..
मोहतरमा सवाल करतीं हैं 
प्यार करते हो? .मगर क्यूँ??
...ये ख़याल करती हैं 

कैसे समझाऊँ उन्हें...मेरे प्यार के हैं
जामिन कुल 3 बेदर्द गवाह
एक वो ख़ुद..बे-परवाह
एक मैं.. बेबस, बेहया 
और एक अदद मेरा खुदा 

सब जान के अनजान बनी रहती हैं 
परेशान करती हैं
हर गुफ़्तगू के शुरू..
मोहतरमा सवाल करतीं हैं 
प्यार करते हो? .मगर क्यूँ??
...ये ख़याल करती है।