जैसे जैसे लड़की बड़ी होती है
उसके सामने दीवार खड़ी होती है क्रांतिकारी कहते हैं कि दीवार तोड़ देनी चाहिए पर लड़की है समझदार और संवेदनशील, वह दीवार पर लगाती है खूँटियाँ पढ़ाई लिखाई और रोज़गार की। और एक दिन धीरे से उन पर पाँव धरती दीवार की दूसरी तरफ़ पहुँच जाती है। ~ ममता कालिया