Thursday, July 23, 2015

भूल मेरी ही थी

भूल मेरी ही थी
तो सजा भी जिए जा रहा हू
तू तो खुश है
और रहे हमेशा युही
मै ही जीने का साहस ना कर सका था
तो
हर पल
थोड़ा-थोड़ा मरे जा रहा हू.
-मन-

Thursday, July 2, 2015

एक वो जो मै सच में हु

एक वो
जो मै सच में हु
और एक वो
जो तुम समझती हो के मै हु
किसे जिलाउ
किसे मारू
इसी सोच में मरा जा रहा हु मै
--मन--

एक मृगमरीचिका...

मुझको मालुम है के तुम
एक मृगमरीचिका से बढ़कर तो
शायद कुछ भी नहीं
पर इतना भी क्या कम है के
एक उम्मीद तो देती हो
चाहे झूठी ही सही.
--मन--