Monday, October 20, 2014

तुझको देखा था पहली बार, कॉलेज के गर्ल्स commen रूम के बाहर,...

मेरी एक बोहोत ही ख़ास दोस्त डिम्पल को उसके जन्मदिन पर समर्पित---
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तुझको देखा था पहली बार,
कॉलेज के गर्ल्स commen रूम के बाहर,
सनसनाता हुआ एक तूफ़ान सी थी तू,
और मेरे साथ था,एक निरीह बकरी सा मेरा यार,
तुझको तो मालुम कहाँ था हम दोनों के दिल का हाल.
मै तो थोड़ा थोड़ा,पर वो तो बोहोत करता था तुझसे प्यार,
फिर मैंने दोस्त के लिए अपने नन्हे से प्यार को कर दिया कुर्बान,
तुझसे दोस्ती बढ़ाई और दोस्त की सेटिंग कराई,
यार तू तो उससे शादी करके सेट हो गयी,
साला मै तुम लोगो की सेटिंग में अपना सब कुछ खो बैठा,
इतना बेध्यान हो गया था मै,मेरी अपनी सेटिंग को कोई और ही लूट बैठा,
फिर हम सब अपनी अपनी जिंदगी के संघर्ष में खो गए,
पास पास रहते रहते भी बोहोत दूर दूर से हो गए,
अब इतने सालो के बाद हमसब फिर से साथ साथ है,
कभी कभी जल्दी से मिल पाते है तो कभी देर से,
पर दिल से एकदम पास पास है..
पर दिल से एकदम पास पास है.............

--मन--








Saturday, October 18, 2014

जल(पानी) भी मै हु, जलजला भी..

मै जल के भी तुझसे कैसे जलु,
एक  तो तू ही मेरा यार तू ही मेरा प्यार,
दूसरे तुझको भी ये मालूम है की,
जल(पानी) भी मै हु, जलजला भी..

Friday, October 17, 2014

हसीन गुलाब सी थी वो | HINDI KAVITA


" जब पहल- पहल देखा उसको

हसीन गुलाब सी थी वो ,
फलक ( आसमान) पे मुस्कुराता हुआ 

महताब ( चाँद ) सी थी वो 


लोग कहते रहे मुझको 
इतनी कमाल कहाँ है वो *मन* ?
*मन* ये कहता रहा के
शब्दकोष भी कम है जो उसे परिभाषित करे 
तू क्या जाने के

सारी कायनात की जद्दोजहद में बस है वो 

कैसे कहूँ , पर क्यों ना कहूँ 

के सारी कायनात है वो 


जब पहल- पहल देखा उसको 

तो हसीन गुलाब सी थी वो ,
फलक (आसमान) पे मुस्कुराता हुआ 

महताब ( चाँद ) सी थी वो "

Monday, October 13, 2014

एक चुम्बन तेरे अधरों का......

मौका तुझसे फिर मिलने का
मिल जाए तो जीवन है
वर्ना क्या है जीवन ?
रहे तो ठीक,, ना रहे तो भी ठीक.

इज़ाज़त तुझको छूने की
जो मिल पाये तो जीवन है.
वर्ना क्या है जीवन ?
रहे तो ठीक,, ना रहे तो भी ठीक

एक चुम्बन तेरे अधरों का
जो मिल पाये तो जीवन है
वर्ना क्या है जीवन ?
रहे तो ठीक,, ना रहे तो और भी ठीक। 

Saturday, October 11, 2014

chankaya neeti



चाणक्य के 15 सूक्ति वाक्य ----
1) "दूसरो की गलतियों से सीखो अपने ही ऊपर प्रयोग करके सीखने को तुम्हारी आयु कम पड़ेगी."
2)"किसी भी व्यक्ति को बहुत ईमानदार (सीधा साधा ) नहीं होना चाहिए ---सीधे वृक्ष और व्यक्ति पहले काटे जाते हैं."
3)"अगर कोई सर्प जहरीला नहीं है तब भी उसे जहरीला दिखना चाहिए वैसे डंस भले ही न दो पर डंस दे सकने की क्षमता का दूसरों को अहसास करवाते रहना चाहिए. "
4)"हर मित्रता के पीछे कोई स्वार्थ जरूर होता है --यह कडुआ सच है."
5)"कोई भी काम शुरू करने के पहले तीन सवाल अपने आपसे पूछो ---मैं ऐसा क्यों करने जा रहा हूँ ? इसका क्या परिणाम होगा ? क्या मैं सफल रहूँगा ?"
6)"भय को नजदीक न आने दो अगर यह नजदीक आये इस पर हमला करदो यानी भय से भागो मत इसका सामना करो ."
7)"दुनिया की सबसे बड़ी ताकत पुरुष का विवेक और महिला की सुन्दरता है."
"काम का निष्पादन करो , परिणाम से मत डरो."
9)"सुगंध का प्रसार हवा के रुख का मोहताज़ होता है पर अच्छाई सभी दिशाओं में फैलती है."
10)"ईश्वर चित्र में नहीं चरित्र में बसता है अपनी आत्मा को मंदिर बनाओ."
11) "व्यक्ति अपने आचरण से महान होता है जन्म से नहीं."
12) "ऐसे व्यक्ति जो आपके स्तर से ऊपर या नीचे के हैं उन्हें दोस्त न बनाओ,वह तुम्हारे कष्ट का कारण बनेगे. सामान स्तर के मित्र ही सुखदाई होते हैं ."
13) "अपने बच्चों को पहले पांच साल तक खूब प्यार करो. छः साल से पंद्रह साल तक कठोर अनुशासन और संस्कार दो .सोलह साल से उनके साथ मित्रवत व्यवहार करो.आपकी संतति ही आपकी सबसे
अच्छी मित्र है."
14) "अज्ञानी के लिए किताबें और अंधे के लिए दर्पण एक सामान उपयोगी है ."
15) "शिक्षा सबसे अच्छी मित्र है. शिक्षित व्यक्ति सदैव सम्मान पाता है. शिक्षा की शक्ति के आगे युवा शक्ति और सौंदर्य दोनों ही कमजोर हैं !

Saturday, October 4, 2014

जब तुम साथ थी | hindi kavita


" तुम मेरे साथ थीं , तो मै भी कुछ था
अब तुम साथ नहीं , तो मै भी कहाँ कुछ रहा


तुम वापिस आ जाओ ना 
जीवन-सूरज बस अब बुझने को है
तेरी चांदनी मिल जाये तो 

शायद चमक सकूँ मैं भी फिरसे 

कुछ पल के लिए ही सही , 
सूरज सा नहीं , तो बस जुगनू सा ही सही 

रौशनी को ,जीवन को , मैं महसूस तो करुँ

चलते-चलते ही सही , ढलते-ढलते ही सही 


तुम मेरे साथ थीं , तो मै भी कुछ था
अब तुम साथ नहीं , तो मै भी कहाँ कुछ रहा "