Tuesday, December 29, 2015

"दीप सी रोशन रहना तुम.. यूँही

"दीप सी रोशन रहना तुम.. यूँही
और दुनिया भर की आकांक्षा बन जाना
अपने किरदार को,ख़ुद से भी ज़्यादा ख़ूबसूरत बनाना
और धरा से अम्बर तक विस्तृत हो जाना तुम
तुम माडर्न और कोंटेम्प्रेरी का मिश्रण बनना
सोच से माडर्न पर संस्कारो से कंटेम्परेरी होकर रह जाना तुम
सदा अपनी राह ख़ुद चुनना तुम
जीवन में निर्भय,निर्विकार आगे चलती जाना तुम

"जीवन में निर्भय,निर्विकार आगे चलती जाना तुम" 💐

यूँही किसी महफ़िल में चला आता हूँ मैं

यूँही किसी महफ़िल में चला आता  हूँ मैं
हर कही तेरा ही तसववूर ... खो जाता हूँ मैं
दोस्त कहते है क्यूँ तू उदास उदास सा रहता है ऐ "मन"
क्या कहु,किससे कहु किसकी याद में मरा जाता हु मैं 😔

--मअन🌙🌹

अक्सर तेरे शहर के नज़दीक तक आता जाता हूँ मैं

अक्सर तेरे शहर के नज़दीक तक आता जाता हूँ मैं
हर ख़ूबसूरत श मैं तेरी ख़ुशबू महसूस कर पाता हूँ मैं
बहुत सोचता हूँ कि कभी मिलूँ तुम्हें,साथ कॉफ़ी पियूँ तुम्हारे 
ज़िंदगानी की मसरूफ़ियात से मगर हार जाता हूँ मैं
क्यूँ नहीं ,कभी यूँही ,यकायक तुम ही आ जाओ दीवाने के शहर 😊
बस इसी हसीन ख़्वाब में ज़िंदगानी जिए जाता हूँ मैं। 

Tuesday, December 8, 2015

अब तो खुद मुझको को भी अपनी ज़रूरत नहीं है "मन

अब तो खुद मुझको को भी अपनी ज़रूरत नहीं है "मन"
वो भी क्या दिन थे सारी कायनात की ज़रूरत हम थे। 
--man🌙🌹

Friday, December 4, 2015

अक्सर तेरे शहर के नज़दीक तक आता जाता हूँ मैं

अक्सर तेरे शहर के नज़दीक तक आता जाता हूँ मैं
हर ख़ूबसूरत श मैं तेरी ख़ुशबू महसूस कर पाता हूँ मैं
बहुत सोचता हूँ कि कभी मिलूँ तुम्हें,साथ कॉफ़ी पियूँ तुम्हारे 
ज़िंदगानी की मसरूफ़ियात से मगर हार जाता हूँ मैं
क्यूँ नहीं ,कभी यूँही ,यकायक तुम ही आ जाओ दीवाने के शहर 😊
बस इसी हसीन ख़्वाब में ज़िंदगानी जिए जाता हूँ मैं। 

Tuesday, August 4, 2015

वो जो बो गयी थी कभी तुम...मेरे मन के आँगन में



वो जो बो गयी थी कभी तुम...
मेरे मन के आँगन में
वो गुलाब की कलम

आज वो बन गयी 
मेरे इज़हार-ए-जज़्बात की कलम

आज भी खुशबू है इसमें 
तेरे पाक हसीं हाथो की
जो भी लिखता हूँ उसे 
इबादत बना देती है
तेरे अहसास की कलम

वो जो बो गयी थी कभी तुम...
मेरे मन के आँगन में.......

Thursday, July 23, 2015

भूल मेरी ही थी

भूल मेरी ही थी
तो सजा भी जिए जा रहा हू
तू तो खुश है
और रहे हमेशा युही
मै ही जीने का साहस ना कर सका था
तो
हर पल
थोड़ा-थोड़ा मरे जा रहा हू.
-मन-

Thursday, July 2, 2015

एक वो जो मै सच में हु

एक वो
जो मै सच में हु
और एक वो
जो तुम समझती हो के मै हु
किसे जिलाउ
किसे मारू
इसी सोच में मरा जा रहा हु मै
--मन--

एक मृगमरीचिका...

मुझको मालुम है के तुम
एक मृगमरीचिका से बढ़कर तो
शायद कुछ भी नहीं
पर इतना भी क्या कम है के
एक उम्मीद तो देती हो
चाहे झूठी ही सही.
--मन--

Tuesday, June 30, 2015

हमेशा यूँही महकती रहिये (kavita)

हमेशा यूँही महकती रहिये
हमेशा यूँही चहकती रहिये
हमें मिलिये
या न मिलिये
क्यूँकी ये तो कोई जरूरी बात नहीं
पर मौसमों  से
हवाओं से
बहारों  से
फूलों  से
जरूर मिलती रहिएगा
गोया उन्हें आपका साथ चाहिए ही चाहिए
जीने के लिए
सारी कायनात को जीवन देने के लिए।

#love #प्यार
Writer- Manoj Gupta , manojgupta0707.blogspot.com

Saturday, June 6, 2015

लो फिर एक नयी सुबह हुयी


लो फिर एक नयी सुबह हुयी
और पंछी उड़ चला
फिरसे एक नयी उड़ान पे
पंख कुछ घायल से है
मन कुछ उदास सा
और तन कुछ थका-थका सा भी
पर उड़ना तो है
उड़ना ही तो जीवन है
दूर क्षितिज में
आसमान से आगे जाना है
कही छाँव मिले तो ठीक
वर्ना धूप में ही सही
जीवन संगीत
तो गुनगुनाना है

लो फिर एक नयी सुबह हुयी
और पंछी उड़ चला।

#उड़ान #पंछी

Writer- Manoj Gupta , manojgupta0707.blogspot.com


किसी ने

किसी ने दिल को इस कदर तोड़ दिया है
हमने भी अब गम से नाता जोड़ लिया है  

अब तो सजा और न दे

अब तो सजा और न दे
के जिगर-इ-खून ख़त्म होने को है
तेरा दीदार होता था
तो मेरी ईद होती थी.
--मन--

यु तो तुम हो

यु तो तुम हो
किसी हसीं चाँद की माफिक
बस मेरे ही लिए
अक्सर बादलो में छुपे-छुपे से.
--मन--

तूने तो वो भी सुना

मै चुपचाप रहा
और ग़लतफ़हमी बढ़ती गयी
तूने तो वो भी सुना
जो मैंने कभी कहा ही नहीं.
--मन--

एक "बुरा" शब्द मेरा


एक "बुरा" शब्द मेरा
याद इस कदर तुझको
कभी इसी शिद्दत से तूने 
दिल भी मेरा पढ़ा होता

वो जो तमाम खतों-किताब
लिखे थे तेरे सजदे में कभी
क्या उनका कुछ भी याद नहीं
कुछ तो रहम गढ़ा होता

दिल चीर पाता तो क्या बात थी
दिखा पाता , दिल में क्या है मेरे
पढ़ ना पायी ,तो देख तो पाती
तेरे बिना ,दिल ये रुका पड़ा होता

एक "बुरा" शब्द मेरा
याद इस कदर तुझको
कभी इसी शिद्दत से तूने 
दिल भी मेरा पढ़ा होता। 







तेरी तू जान,

तेरी तू जान,
मेरी मै
तू चाहे जो कर
मै तो बस
मोहब्बत.....
--मन--

धूल ज़माने की (poem)


" जरा सी धूल ज़माने की
चढ़ जो गयी हीरे पर
हर रंगीन पथ्थर ने
चमचमा के कहा ...मै मै मै.. "

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मुझ भूली बिसरी याद की



मुझ भूली-बिसरी याद की
फ़क़त इतनी सी ख्वाइश है

के जिस पल याद आऊं तुझे 
तेरा तन-मन महकना चाहिए
हवाओं में खुशबु ,फ़ज़ाओं में नूर
मिट्टी महके ,हर परिंदा चहके
आसमान से अमृत बरसना चाहिए 

मुझ भूली-बिसरी याद की
फ़क़त इतनी सी ख्वाइश है
फ़क़त इतनी सी ही... 


 




पर तू आस पास होती है तो

जाने बेपनाह इश्क़ है या
बेपनाह दोस्ती
पर तू आस पास होती है तो
सुकून सा.....
--मन--

"अच्छे हो सच्चे हो तो क्या? (POEM)


"अच्छे हो
सच्चे हो
तो क्या?

दुनिया में आये हो न?
तो दुनियादारी निभाते रहना "

यहाँ अच्छा होने से भी
बोहोत ज्यादा जरूरी है
अपने को बार-बार,लगातार
अच्छा दिखाते रहना

अपने व्यवहार की
लापरवाही को छोड़
ख़ास को ख़ास ,आम को आम
जताते रहना

बेहद जरुरी है फिर से उबर आना
किसी भी जानलेवा हादसे के बाद
और खुद को
अपनी ही नज़रो में उठाते रहना

दिल के उस कोने को
कोई खास जहाँ रहता हो
उस कोने को हमेशा पाक..
और पाक बनाते रहना

साधू सा जीवन
अंदर ही जियो तो अच्छा है
बाहर तो लम्बी गाडी,
महँगा मोबाइल , अच्छी सूरत होना
अच्छा कहलाने को बोहोत जरुरी है
उसको हर हाल में चमकाओ और
दुनिया को दिखाते रहना

 "अच्छे हो
सच्चे हो
तो क्या?
दुनिया में आये हो न?
तो दुनियादारी निभाते रहना "

#LIFE

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जिनके करीब होने की ख्वाइश में

आप तो खुदा हैमेरे लिए,..बाखुदा
चुकी आप तो उनके करीबी है
जिनके करीब होने की ख्वाइश में
तमाम जिंदगी गुज़ार दी मैंने.
--मन--

मै हु भी या नहीं.

तुम ये कहती हो के "मै"
ये हु
वो हु
जबकि इन दिनों
मुझको तो मालूम नहीं के
मै हु भी या नहीं.
--मन--

चाहे अदना सा पथ्थर था मै

मेरे फेंक दिए जाने का मलाल
तुमको भी तो होता होगा
चाहे अदना सा पथ्थर था मै
बरसो से,
पड़ा तो तेरी दहलीज़ पे था.
--मन--

और हम गुजर गए.

तेरे ही लायक बनने में
दी जिंदगी गुज़ार मैंने
तूने एक पल में नालायक कहा
और हम गुजर गए.
--मन-

तेरा ख्वाब देखने के लिए.

नहीं जागता मै
महताब देखने के लिए
मै जबर सो जाता हु
तेरा ख्वाब देखने के लिए.
--मन--

एक जीवन स्त्रोत है

एक जीवन स्त्रोत था
कही गहरे
मन के अंतर में
जो अब सूख सा गया है
अब तो बस रेगिस्तान सा जीवन है
और बस चलना है
चलते जाना है। 

कैसे यकीन दू (sher)


तुम बहुत ख़ास हो ,
रहोगी तब तक , उसपल
साँसे आ जा रही मुझ तक
जिसपल
तुमको तो जाने कब जाके यकीन आएगा
कैसे यकीन दूँ तुमको
इसी सोच में मरा जा रहा हूँ मैं
पल-पल।

"मिलके कॉफ़ी पीयू तेरे साथ"

मालूम नहीं
तुम नाराज़ हो या खुश
वो कल वाले वाकिये की वजह से
दिल के उस कोने में जहा सिर्फ तुम रहती हो
यकायक कुछ पुराने धागे उधड़ गए हैं
और बोहोत मुश्किल से दबाकर रखा
वो नन्हा सा अरमान
"मिलके कॉफ़ी पियूँ तेरे साथ"
उछल के बाहर आ गया
मासूम दिल को मालूम कहाँ था
की वो "सारा जहान मांग बैठा है"
पर तेरी उस शुष्क ना के बाद भी
उस नन्हे अरमान को
दबाके कुचल के
फिर से उस कोने में सील देने को
ये मासूम दिल तैयार नहीं.

बस एक चाय की प्याली हो

अब तक
तूने मुझको
मैंने तुझको
बस दूर दूर से जाना है
कोई बोला तू ऐसी है
कोई बोला मै वैसा हूँ
बस ऐसे ही पहचाना है
क्यों ना
कुछ वक़्त बिताये साथ साथ
बस एक चाय की प्याली हो
और कुछ मीठे-नमकीन
यादो के..बातो के कुकीज़
चल न यार....

मंन का विमान

मंन का विमान
उड़ा जा रहा हर पल
ढूंढ़ता फिर रहा
गली तेरी , पता तेरा

कही से भी कोई खुशबू आती है
तो लगता है के तुम हो
कही पे भी कोई बदली छाती है
तो लगता है के तुम हो।
--मन--

मुझसे दूर....

कल रात यकायक
एक तारा देखा
वही चमक
वही नूर
हूबहू तुम्हारी तरह
और वही
दूर 
मुझसे दूर
बोहोत दूर।


अभी तो बस आहट ही हुई

अभी तो बस आहट ही हुई
तेरे आने की
अभी से दिल रेलगाड़ी
तेरे दीवाने का
क्या हाल होगा
जब मुलाकात होगी
कही ख़ुशी से रुक ही ना जाए
दिल पागल दीवाने का
--मन--

हवा में तैरती तेरी खुशबू

हवा में तैरती तेरी खुशबू
पैगाम दे रही है
दीदार दीवाने को
बस अब होने को है।

हज़ारो हज़ार चेहरे

हज़ारो हज़ार चेहरे नज़र आ रहे मुझको
एक बस तू ही नहीं
जिसकी रहे ख्वाइश हरदम
दिल को लगता है यही
युही कही
ऐसे ही कही
आके थामेगी मुझे
और कहेगी
चल घर चल
--मन--

HOLI | HINDI KAVITA

" सखी री
रंग दीनो मोहे कान्हा
बस अपने ही रंग
अब मोहे
ना नींद ना सुधबुध
सागरा जगत दौर रहा
मोपे रंग डारन को
अब तू ही बता
जोन होए श्याम रंग
ओपे कौन रंग
और का सगरी दुनिया "
--मन--

मेरी सांस जरा रुक के चली है अभी

दिल में एक लहर सी उठी है अभी
कोई ताज़ा हवा चली है अभी
आके मिल जा जरा एक बार अब तो
मेरी सांस जरा रुक के चली है अभी
--मन--

मुझे कौन जानता था

कौन जानता था मुझे
तेरी आशिकी से पहले
तेरा शुक्रिया ,तेरे नाम ने
बना दी मेरी जिंदगी ,फ़साना

जाने ये कैसा दर्द है?


जाने ये कैसा दर्द है?
जब भी कम होता है
बेजान सा हो जाता हूँ

तुम जब तब आकर
इस दर्द को बढ़ाती रहना
क्युकी
वैसे तो भगवान हूँ
ये दर्द नहीं होता
तो इंसान सा हो जाता हूँ

जाने ये कैसा दर्द है?
जब भी कम होता है
बेजान सा हो जाता हूँ।




के मेरी ईद हो जाए

ज़माने भर के चाँद से
मेरा क्या वास्ता
के मेरा चाँद दिख जाए
के मेरी ईद हो जाए
--मन--

शक तो दीवाने को भी है के

शक तो दीवाने को भी है के
कही ये मोहब्बत
एकतरफा न हो
पर तुम इंकार न करना
और इक़रार भी नहीं
तेरे इंकार का गम
और इक़रार की ख़ुशी
दोनों ही जानलेवा है
दीवाने के लिए

तू जो कभी कहा नहीं

तू जो कभी कहा नहीं
वही सुनने की चाहत में
जिए जा रहा हूँ
वर्ना सांस तो
तभी रुक गयी थी
जब पहली बार
तेरा दीदार हुआ था

Saturday, March 28, 2015

तू आग है

for saina nehwal on her achivment as world no.1
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तू आग है
पानी है तू
सच तो ये है के
भारत की बिटिया सयानी है तू
तू बढ़ती जा
कमाल पे कमाल करती जा
पर याद रखना ये भारत है
क्रिकेटर्स जैसा*मान*तो  कभी नहीं मिलेगा तुझे
पर तू आगे बढ़ती जाना बस
बिना  रुके बिना थके
60करोड़ बेटियो की कहानी है तू
उनकी आकांक्षाओं की रवानी है तू
तू आग है
पानी है तू.....

Tuesday, January 13, 2015

ख्वाइश (kavita)

जिस्म की ख्वाइश
तो ना तब थी
और ना अब है
अरे ये तो निरा,
कोरा सच है
के अब जिस्म
कहाँ रहा
मेरा -तुम्हारा,
तुम्हारा-मेरा,

अब तो फकत
रूह की प्यास है
सो वो कल भी थी
सो वो आज भी है
क्यों नहीं
एक दिन तो तू
आके यूहीं
छू लेती मुझको

क्यों नहीं एक दिन तो तू
आके युहीं
छू लेती मुझको
जिस्म से नहीं......
बस रूह से ही

आखिर आना तो होता ही है
हर नदी को सागर के करीब
फना हो जाने से पहले
खुदबखुद सागर मे

खुदबखुद सागर मे ही।

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manojgupta707.blogspot.com



तुझको खुदा कहू तो

तुझको खुदा कहू तो
खुदा को मै क्या कहू
बस इसी कश्मकश में
काफ़िर मै  बन गया.
--मन--

आपकी बेरुखी... आपका गुरूर...

आपकी बेरुखी...
आपका गुरूर...
सरासर जायज़  .
आपकी बेरुखी...
आपका गुरूर...
सरासर जायज़ है.
एक तो आपका बेपनाह हुस्न
उसपर मेरा कुसूर सरेआम ....
मोहब्बत..

--मन--