Thursday, May 14, 2020

सूरज को सर पे उठाये फिरती हूँ

चन्दा का हाथ पकड़
सूरज को सर पे उठाये फिरती हूँ
पेट में आधी रोटी है पर खुश हूँ
स्वाभिमान दिल में जगाये फिरती हूँ

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