Tuesday, March 12, 2024

प्रेम पर अब मैं क्या लिखूं | HINDI KAVITA




प्रेम पर अब मैं क्या लिखूं 

प्रेम पर सब कुछ लिखा जा चुका 

अठारवीं सदी से लेकर आज तक 

करोड़ों सतहों को कुरेदा , उकेरा जा चुका 

तेरा .. मेरा .. उनका , हम सब का प्रेम है अपना अपना 

असल में प्रेम कुछ नहीं , बस है एक सुन्दर सलोना सपना 

पवित्र ह्रदय के मानव बनें हम , चाहिये बस इतना ही 

जैसा सलूक हम खुद से करें , दूसरों से भी वैसा ही 


प्रेम पर अब मैं क्या लिखूं 

प्रेम पर सब कुछ लिखा जा चुका 

अठारवीं सदी से लेकर आज तक 

करोड़ों सतहों को कुरेदा , उकेरा जा चुका .



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