Monday, June 8, 2020

हैसियत, 10

" अंदर आ जाओ स्वीटी
माय डार्लिंग
डोर इज़ ओपन "
दरवाज़े पर आहट सुनकर
अनिल ने हँसते हुए अपनी चेयर घुमाई
पर ये स्वीटी नहीं बीनू थी
"बीनू तुम "
चौंक गया था अनिल
अचानक बीनू को अपने होटल रूम में देखकर

"हाँ अनिल मैं बीनू "
"सोचा मैं भी थोड़ा इस नए जादुई अनिल से मिल ही लूँ  "
व्यंग था बीनू के लहज़े में

"मेरी क्या हैसियत बीनू
जो मैं किसी को कोई जादू दिखाऊं "
अनिल भी व्यंगात्मक हो चला

"खैर हैसियत  तो दिख रही है तुम्हारी अनिल 
ये महंगे कपडे 
फाइव स्टार में रहना 
चार-पांच लाख की लुइ वीटोन की ड्रेस 
और अब स्वीटी को ये छह लाख के इयररिंग्स 
"ये सब क्या है अनिल "
दुखी स्वर में बोली थी बीनू 

"कुछ नहीं बीनू
बस समय बदल गया है "
अनिल ने अपने ड्रिंक के गिलास को रिफिल किया
"अब  खाखी ड्रेस वाला
गरीब अनिल भी
तुम लोगों की तरह ही
पैसेवाला हो गया है
स्वीटी से दिल लगाया था तो
कंगाल हो गया था
मशीनों से दिल लगाना शुरू किया तो
पैसा बरसने लगा
लोग समझते हैं की मुझे
थोड़ी-बहुत मशीनों की समझ है
तो अब लोगों को चीन,इटली ,ताइवान से मशीने इम्पोर्ट कराता हूँ
अच्छा पैसा बन जाता है "
अनिल ने दुखी मन से बोला

"ये सब तो ठीक है अनिल
पर कल ये स्वीटी तुम्हारे साथ ...
क्यों ... "
कहते-कहते झिझक गयी बीनू

"ओह तो बता दिया स्वीटी ने "
अनिल हॅसा था
"कुछ नहीं बीनू
तुम तो जानती ही हो की
मैं स्वीटी से प्यार करता था
वो यहाँ मिली
तो उसने भी ऐसा दिखाना शुरू किया के
वो भी प्यार करती है
और जब हम दोनों ने कल
सचमुच प्यार किया तो
पता चला
स्वीटी का तन तो मुझे मिल गया
पर मन
बीनू मन से तो स्वीटी किसी को भी प्यार नहीं करती
तो वो कैसे मिलता
तो अब जो मिल सकता है वही सही
कुछ भी ना मिलने से तो अच्छा है ना
कुछ मिल जाना  "
अनिल दार्शनिक के अंदाज़ में बोल रहा था

"और वो महंगे इयररिंग्स और ड्रेस क्या थी
उस "कुछ" की कीमत "
गुर्राई थी बीनू

ये सुनकर अनिल जोर से हँसा ,बोला

"अब गिफ्ट का क्या है बीनू
कल तुम्हे अच्छे लगे ,तुम ने रख लिए थे "

"आज स्वीटी को पसंद आ रहे हैं
तो वो रख रही है "
ये कहकर वो अजीब सा हँसा था 

अनिल को हँसता देख बीनू के तन-बदन में आग लग गयी
सच कड़वा होता है
बीनू ने सुना था
पर कितना कड़वा, ये आज जाना

"देखो आज मैं स्वीटी के लिए क्या लाया हूँ "
अनिल ने एक ओर रखी मेज की ओर इशारा किया

बीनू ने देखा कोने की मेज़ पर
फिर एक बड़ा था गिफ्टपैक रखा था

"अच्छा बीनू अब तुम जाओ
स्वीटी आने वाली होगी ,
"अब तुम चली जाओ "

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