"बीनू तुम ??
यहाँ ?? "
अनिल ने हैरानी से बीनू की ओर देखकर पूछा
"मैं तुम्हे लेने आयी हूँ अनिल "
बीनू धीरे से बोली थी
अनिल कुछ नहीं बोला
चुपचाप बीनू के साथ एयरपोर्ट से बाहर निकल आया था
टैक्सी में बैठे-बैठे उसने कनखियों से बीनू की तरफ देखा
हमेशा सजी-संवरी रहने वाली बीनू आज बहुत अस्त-व्यस्त लग रही थी
उसकी आँखे सूजी हुयी थी
जैसी अभी रोइ हो
चेरा उदास था
वो तो ये सोचकर आया था की
बीबू को बहुत भला-बुरा कहेगा
पर यहाँ तो बीनू को देखकर वो खुद सहमा सा हो गया था
उधर बीनू अपने मन ही मन सोच रही थी की
जो वो कहना चाहती है कैसे कहे
बीनू का फ्लैट आ गया था
अनिल स्वीटी के बारे में कुछ पूछता इससे पहले ही बीनू ने बता दिया
"स्वीटी आज अपने मंगेतर के साथ शॉपिंग पे गयी है
लेट आएगी "
"तुमने सुबह छे बजे की फ्लाइट ली है तो
रात को कहाँ ठीक से सोये होंगे
तुम नहा लो
मैं कुछ खाने को बनाती हूँ "
"नहीं बीनू मैं ठीक हूँ "
मैं कुछ खाने के लिए तो यहाँ नहीं हूँ ना ??
"तुम जो कहना चाहती हो जल्दी कहो
मेरी तीन बजे की वापसी फ्लाइट है
मुझे एयरपोर्ट वापिस जाना है "-
अनिल ने ठन्डे स्वर में कहा
बीनू ने कातर निगाहों से अनिल को देखा
और चुपचाप नाश्ता बनाने लगी
कॉफी पीते-पीते अनिल ने ही फिर से ठन्डे लहजे पूछा था
"बीनू बोलो तुम क्या बात करना चाहती थी "
अनिल की गहरी निगाहें बीनू के चेहरे को पढ़ने की कोशिश कर रहीं थी
बीनू चुप थी
"बीनू मुझे जाना है
कुछ कहना है तो कहो
वर्ना मैं जा रहा हूँ "
अनिल अब तक उत्तेजित हो चुका था
" अनिल मैं तुमसे प्यार करने लगी हूँ "
बीनू ने धीरे से बस इतना कहा
"बीनू तुम पागल हो गयी हो "
अनिल झटके से खड़ा हुआ और गुस्से में बीनू को देखता रहा
पर बीनू भी सामने बैठे-बैठे सर उठाकर
अनिल की ही आँखों में सीधे ,गहरे देख रही थी
जैसे पढ़ना चाहती हो अनिल को
उसके चेहरे पे शान्ति थी
अनिल अवाक खड़ा अब भी बीनू को देख रहा था
कुछ देर बाद बीनू ने फिर कहा
"हाँ अनिल मैं तुमसे प्यार करती हूँ "
अब अनिल से सहन नहीं हुआ
वो धड़-धडाता हुआ बीनू के फ्लैट से बाहर निकला
उसने बाहर आकर एक सांस में ही 10 -20 बार लिफ्ट का बटन दबाया
ऊपर जाने वाला भी
नीचे जाने वाला भी
जैसे वो बस एक गैस चैम्बर में हो
जहां उसका दम घुट रहा हो
और उसे किसी भी तरह
कही भी
बस यहाँ से बाहर निकलना हो
उससे लिफ्ट आने का इंतज़ार हो ही नहीं रहा था
वो भागता हुआ सीढ़ियों से ही नीचे उतरता चला गया।
manojgupta0707.blogspot.com
यहाँ ?? "
अनिल ने हैरानी से बीनू की ओर देखकर पूछा
"मैं तुम्हे लेने आयी हूँ अनिल "
बीनू धीरे से बोली थी
अनिल कुछ नहीं बोला
चुपचाप बीनू के साथ एयरपोर्ट से बाहर निकल आया था
टैक्सी में बैठे-बैठे उसने कनखियों से बीनू की तरफ देखा
हमेशा सजी-संवरी रहने वाली बीनू आज बहुत अस्त-व्यस्त लग रही थी
उसकी आँखे सूजी हुयी थी
जैसी अभी रोइ हो
चेरा उदास था
वो तो ये सोचकर आया था की
बीबू को बहुत भला-बुरा कहेगा
पर यहाँ तो बीनू को देखकर वो खुद सहमा सा हो गया था
उधर बीनू अपने मन ही मन सोच रही थी की
जो वो कहना चाहती है कैसे कहे
बीनू का फ्लैट आ गया था
अनिल स्वीटी के बारे में कुछ पूछता इससे पहले ही बीनू ने बता दिया
"स्वीटी आज अपने मंगेतर के साथ शॉपिंग पे गयी है
लेट आएगी "
"तुमने सुबह छे बजे की फ्लाइट ली है तो
रात को कहाँ ठीक से सोये होंगे
तुम नहा लो
मैं कुछ खाने को बनाती हूँ "
"नहीं बीनू मैं ठीक हूँ "
मैं कुछ खाने के लिए तो यहाँ नहीं हूँ ना ??
"तुम जो कहना चाहती हो जल्दी कहो
मेरी तीन बजे की वापसी फ्लाइट है
मुझे एयरपोर्ट वापिस जाना है "-
अनिल ने ठन्डे स्वर में कहा
बीनू ने कातर निगाहों से अनिल को देखा
और चुपचाप नाश्ता बनाने लगी
कॉफी पीते-पीते अनिल ने ही फिर से ठन्डे लहजे पूछा था
"बीनू बोलो तुम क्या बात करना चाहती थी "
अनिल की गहरी निगाहें बीनू के चेहरे को पढ़ने की कोशिश कर रहीं थी
बीनू चुप थी
"बीनू मुझे जाना है
कुछ कहना है तो कहो
वर्ना मैं जा रहा हूँ "
अनिल अब तक उत्तेजित हो चुका था
" अनिल मैं तुमसे प्यार करने लगी हूँ "
बीनू ने धीरे से बस इतना कहा
"बीनू तुम पागल हो गयी हो "
अनिल झटके से खड़ा हुआ और गुस्से में बीनू को देखता रहा
पर बीनू भी सामने बैठे-बैठे सर उठाकर
अनिल की ही आँखों में सीधे ,गहरे देख रही थी
जैसे पढ़ना चाहती हो अनिल को
उसके चेहरे पे शान्ति थी
अनिल अवाक खड़ा अब भी बीनू को देख रहा था
कुछ देर बाद बीनू ने फिर कहा
"हाँ अनिल मैं तुमसे प्यार करती हूँ "
अब अनिल से सहन नहीं हुआ
वो धड़-धडाता हुआ बीनू के फ्लैट से बाहर निकला
उसने बाहर आकर एक सांस में ही 10 -20 बार लिफ्ट का बटन दबाया
ऊपर जाने वाला भी
नीचे जाने वाला भी
जैसे वो बस एक गैस चैम्बर में हो
जहां उसका दम घुट रहा हो
और उसे किसी भी तरह
कही भी
बस यहाँ से बाहर निकलना हो
उससे लिफ्ट आने का इंतज़ार हो ही नहीं रहा था
वो भागता हुआ सीढ़ियों से ही नीचे उतरता चला गया।
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