Tuesday, June 2, 2020

वो चुड़ैल,-12

नया सेशन शुरू हो गया था
अरुण अब सेकंड ईयर में था
अब अरुण के दोस्त अरुण से फिरसे बात करने लगे थे
कारण मिलाजुला सा था
एक तो अरुण ने कॉलेज में टॉप किया था
दूसरे चूकिं अब नीना और उसका पूरा ग्रुप पास आउट हो गया था
तो उनका अब कोई डर भी नहीं था
अरुण अब पहले के मुकाबिल तो कुछ समझदार हो गया था
और क्लास में प्रोफेसर्स भी उसे कुछ अहमियत देने लगे थे
कॉलेज का नया सेशन शुरू हुआ था तो
फिर से फ़्रेशी स्टूडेंट की रैगिंग हो रही थी
फिरसे वही प्रेसीडेंसी कॉलेज स्पेशल
"बड़ के पेड़ वाली चुड़ैल "
प्रैंक प्लान किया जा रहा
अबकी बार नयी-नयी सीनियर बनी सुमन को ये "काली चुड़ैल " का रोल दिया गया था
अरुण सीनियर्स के साथ बैठा रैगिंग देख रहा था की
नयी आयी एक फ़्रेशी पर उसकी आँखें जैसे जम सी गयी थी
उस फ़्रेशी लड़की की शक्ल में नीना की कुछ झलक सी थी
अभी वो कुछ सोच ही रहा था के उसने पाया
उसी फ़्रेशी लड़की को
 "बड़ के पेड़ वाली चुड़ैल "
प्रैंक के लिए बकरा बनाया जा रहा है
अरुण तुरंत से उठा और पहले से ही भागकर
उस बड़ के पेड़ से कुछ पहले
एक दूसरे पेड़ की आड़ में छुप गया
जैसे वो बकरा मतलब वो फ़्रेशी लड़की अरुण के सामने से भागते हुयी निकली
अरुण भी उसके साथ-साथ भागा
और भागते हुए ही जल्दी-जल्दी बस इतना बोला

"पेड़ के नीचे ध्यान से खड़ी होना ,
कोई तुम्हारे ऊपर गिरेगा,
बचना "

और इतना कहकर वो फिर वापिस मुड़ गया

हर साल की तरह इस साल भी
फ़्रेशियर के लिए एक वेलकम पार्टी
कॉलेज कैंटीन में चल रही थी
वही सेम खाना-पीना
वही गिटार पे बजते अंग्रेज़ी गाने
और बेसुरे गाने वाले स्टूडेंट
अरुण उकताया सा एक कोने में बैठा चाय पी रहा था
तभी पता नहीं कहा से
वही फ़्रेशी लड़की एकदम से उसके सामने आकर खड़ी हो गयी
"हाय "- उसने कहा था
"हेलो "- अरुण ने मुस्कुरा कर जवाब दिया था
"बैठ जाऊ "-
उसने पुछा तो था
पर अरुण के कुछ जवाब देने से पहले खुद ही बैठ गयी
और बोलने लगी

"थैंक्स यार ,
आज तो तुमने बचा लिया
वर्ना मेरा तो जलूस निकालने का पूरा प्रोग्राम बना दिया था सीनियर्स ने
वो सीनियर जैसे ही पेड़ से मेरे ऊपर कूदी
मैं तो पीछे हट गयी
और जो वो गिरी है
और सब लोग हँसते हँसते लोटपोट हुए है "
"मज़ा आ गया "

वो अब जोर-जोर से हँस रही थी
अरुण बस मंद-मंद मुस्कुरा रहा था

"ओह सॉरी सॉरी सॉरी
मैंने अपनी इंट्रो तो दी ही नहीं "

वो झटके से खड़ी होते हुए बोली थी

"हाय ,  आय ऍम लीना "

ये कहकर उसने अपना हाथ आगे बढ़ाया था

उस फ़्रेशी लड़की का नाम सुनकर ही अरुण का फ्यूज उड़ गया था
कई भाव उसके चेहरे पे आ रहे थे
जा रहे थे
हकलाते हुए ....खड़े होते हुए
अरुण बोला था

"आपकी कोई बहन भी इसी कॉलेज में ......"

अभी अरुण अपनी बात पूरी करता
इससे पहले ही वो उछल कर बोली थी

"यस ...यस.. , यस 
माय सिस्टर नीना वास् सीनियर हेअर "
"शी जस्ट पासड आउट "

इतना सुनना था की
अरुण ने चुपचाप मेज़ से अपनी किताबें उठाई
और चुपचाप निकल कर कैंटीन से बाहर जाने लगा
उसके दिमाग में बस यही चल रहा था

"हे भगवान् फिर से एक चुड़ैल 
 बड़ी नहीं तो छोटी "
"हेल्प मी गॉड ,
 प्लीज हेल्प मी "

अरुण कैंटीन से बाहर की ओर चलता चला जा रहा था
पीछे से लीना उसे आवाज़ लगा रही थी

"हे सीनियर , अरे तुमने अपना नाम तो बताया ही नहीं "
"रुको मैं भी आ रही हूँ "



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