Dear Zindagi :)
Friday, June 12, 2020
MEER TAQI MEER (SHER)
नाज़ुकी उसके लब की क्या कहिये
पंखुड़ी इक गुलाब की सी है
मीर उन नीमबाज़ आँखों में
सारी मस्ती शराब की सी है।
Meer Taqi Meer ने ये शेर आपके लिए ही लिखा होगा
कुछ बस 270 साल पहले ही :)
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