Tuesday, June 2, 2020

वो चुड़ैल,-9

अब अरुण और नीना एक-दूसरे से दूर दूर ही रहते
अरुण जहाँ अपनी क्लासेज ,
नए दोस्त ,नए पड़ोस
के साथ एडजस्टमेंट कर रहा था
वहीँ नीना का फाइनल ईयर था तो वो
अपने MBA एंट्रेंस की तैयारी
कॉलेज में दोनों एक दूसरे को देखते तो थे
पर अनजान रहकर
बात नहीं करते थे
उधर अरुण ने उड़ते-उड़ते सुना की नीना और रोनी का ब्रेकअप हो गया है
और इधर अरुण अपने नए दोस्तों के साथ विम्पी, मूवीज, पिकनिक ...
मतलब मस्त हो गया था वो
पर हर इवेंट के बाद एक ही ख्याल उसको आता
की यार वो मज़ा नहीं आया
जो नीना के ग्रुप के साथ आता था
नीना और आदि को छोड़ के नीना के ग्रुप के बाकी सारे लोग
अरुण से अच्छे से ही मिलते थे
क्युकी वो नीना और अरुण की आख़िरी मीटिंग के बारे में नहीं जानते थे
अरुण जानता तो था
पर उस आखिरी मीटिंग की बातों का उसपर बहुत फौरी और सतही असर हुआ था
कुछ दिन तो वो परेशान हुआ था
पर फिर वही धाक के तीन पात
वैसे भी इतने सालों की जमी हुयी काई एक झटके में तो साफ़ नहीं होती ना
तो फिर वही लापरवाह रवैय्या
ओल्ड एरा थिंकिंग
लड़कियों के पीछे से उनके बारे में लूस टॉक करना
कमेंट करना आदि आदि

एक दिन अरुण के कमरे पे ही बियर पीने का प्रोग्राम बना
सारे फ़्रेशी बॉयज़ ही थे
जब सब खा-पी के टुन्न हो गए तो
लगे अपनी-अपनी कारस्तानियां सुनाने
कोनसी लड़की ऐसी,
कोनसी लड़की वैसी ,
किसने किसका हाथ पकड़ा
किसने किसको चूमा ,
किसके साथ क्या किया,
किसके सा क्या हुआ....ETC ETC

सबकी कहानियां सुन के अरुण अब भी कुछ ज्यादा ही एक्साइटेड हो गया था
अचानक रोहन पूछ बैठा -
"अरु यार ये तेरा और नीना का क्या सीन है ? "
अरुण आँख मारते हुए हँसते हुए बोला -
"कुछ नहीं यार क्या सीन होना है "
अब अमन बोला - "कुछ तो है अरु ,
जो तू छुपा रहा है
और तू कुछ भी कह पर नीना है
सॉलिड बंदी
आसानी से पटने वाली नहीं है वो "
अब तो अरुण खुल गया-
"क्या सॉलिड , क्या सॉलिड
मेरे पीछे पडी थी वो
साला मैंने ही भाव नहीं दिया "
अमन- "नीना , तेरे पीछे ...
क्यों फ़ेंक रहा है अरु
नीना जैसी बंदी तो तुझे घास भी ना डाले "
अमन ने ये कहकर रोहन की और देखकर आँख मारी
अरुण तो फुल नशे में था
और अमन की ये घास वाली बात सुनकर तो
उसके तनबदन में आग लग गयी थी 
वो बरस पड़ा-
"साले अमन तू घास की बात करता है 
घास की बात करता है तू 
साली कार में चिपकी पडी थी मुझसे 
खुद बार-बार किस कर रही थी 
फुल सहला रही थी मुझे इधर-उधर 
वो तो कार में और पांच लोग भी थे उसदिन 
वरना फुल सीन कर डालता मैं उसका उस दिन 
साली फुल चालू है 
मैंने तो खुद काटा उसे 
वो तो चेप होने के चक्कर में थी "

अमन ,रोहन और बाकी सारे फ़्रेशी तालियाँ बजा रहे थे
कोई अरुण से गले मिल रहा था
कोई उसके पैरों में झुकने का एक्ट कर रहा था
वो बार-बार कह रहे थे
"अरु हमारा भाई तो
 स्टड है
ग्रुप का नाम रोशन कर दिया अरु भाई ने
सीनियर लड़की ....
वो भी कॉलेज बोम्ब नीना .....
अरु भाई जिंदाबाद
अरु भाई जिंदाबाद "

और फिर सारे फ़्रेशी इधर-उधर की बकवास बातें करते-करते
वहीँ ढेर होकर सो गए।





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