"हैलो "
नीना ने नींद में ही फोन उठा कर
झुंझला कर बोला था
"हैलो नीना मैं मुरुगन "
नीना झटके से बिस्तर पे बैठ गयी थी
"मुरुगन तुम इतने सालों बाद "
मुरुगन खुलकर हॅंस कर बोला
"नीना तुम अभी भी नींद में हो
तुमने खुद मुझे कल देर रात पेज किया था "
"आ सॉरी "- नीना सर पे हाथ मारकर हँसी
"एंड व्हाट्स न्यू "
मुरुगन फिर हँसा
"हर क्षण नया है नीना "
और फिर वो दोनों दो घंटे लगातार बस
यहाँ की, वहाँ की
पुराने मोहल्ले की
बचपन से दोस्तों की
अपने घर वालों की
फिर अपने-अपने कॉलेज
अपने चैलेंजेज
अपने अचीवमेंट्स
अपने सपने
मतलब सारे जहाँ की बातें बस किये जा रहे थे
समय रुक सा गया था
डोरबेल की कर्कश आवाज़ से नीना होश में आयी
फिर फटाफट तय हुआ की दो दिन बाद संडे को
ब्रेकफास्ट पर "मवाली " में मिलते हैं
शनिवार शाम से ही नीना बैचैन थी
क्या ड्रेस पहनू
कौनसी स्लीपर्स या जूते
क्या ज्वेल्लेरी
वो खुद पर हैरान थी की वो तो ऐसे बर्ताव कर रही है
जैसे वो कोई डेट पे जा रही हो
आखिरकार जैसे-तैसे तैयार होकर वो
धड़कते दिल से वो "मवाली"पहुंच ही गयी
नीना ने समय देखा वो 15 मिनिट पहले ही पहुंच गयी थी
नीना को खुद पर गुस्सा आ रहा था
अभी उसने गाड़ी पार्क की ही थी की
किसे ने धीरे से उसका दरवाज़ा खोला
"हाय नीना "
वो मुरुगन ही था
नीना तो देखती ही रह गयी
बढ़िया बिज़नेस सूट, ब्लैक ग्लासेस
हाथ में सुर्ख गुलाबों का एक बुके
और आज वो उतना भी काला नहीं लग रहा था जितना स्कूल डेज में दिखता था :)
बल्कि
वो ....
वो तो आज गज़ब का हैंडसम लग रहा था
मुरुगन ने हाथ आगे बढ़ा कर नीना को कार से बाहर उतरने में हेल्प की
संडे का दिन था काफी यंग कपल्स थे वहां उस वक़्त
पूरी चहल -पहल थी
नीना ने महसूस किया की पार्किंग से रेस्टॉरेंट तक चलते हुए
लगभग सारे लोग उन दोनों की और ही देख रहे है
लड़कों की आँखों में अपने लिए प्रसंशा
और लड़कियों की आँखों में अपने लिए जलन उसे दिखी
पर हैरानी सबकी आँखों में थी
क्योंकि नीना ठहरी गोरी चिट्टी पंजाबी गर्ल
और मुरुगन
टॉल ,डार्क, हैंडसम विथ साउथी मुस्टैच बॉय
क्यों हम लोग दो अलग-अलग दिखने वाले लोगों के साथ-साथ होने को बहुत ही अजीब नज़रों से देखते है
चाहे फिर दोनों की लम्बाई में फ़र्क़ हो
या शारीरिक बनावट में
या लुक्स में
या फिर उनकी त्वचा के रंग में
मतलब केवल एक जैसे लोग ही साथ-साथ ...... :)
क्या अजीब रीत है
नीना और मुरुगन साथ बैठे तो
उनके बीच बरसों का गैप था
फिर से वही पुरानी बातें चल रही थीं की
अचानक मुरुगन ने सारी बात काट कर बीच में बोला
"नीना इससे पहले के मैं हिम्मत खो दूँ
मैं कहना चाहता हूँ की
मैं आज भी तुमसे प्यार करता हूँ
विल यू बी माइन ......."
"फ्रेंड "
नीना मुरुगन की बात को बीच में ही काट कर बोली थी
"हाँ मुरुगन हमें पहले दोस्ती से शुरू करना चाहिए
फिर देखते हैं के ये कहाँ तक पहुँचता है "
मुरुगन प्रशंसा भरी निगाहों से नीना को देख रहा था
कुछ रूककर मुरुगन बोला
"नीना तुम आज भी कितनी समझदार हो "
"नहीं मुरुगन मैं कभी समझदार नहीं थी
समझदार होती तो तुम्हारे साथ उस समय इतना बुरा व्यवहार .... "
शर्मिंदगी से नज़रें झुका ली थी नीना ने
"नहीं नीना तुम तब भी सही थी
तुम आज भी सही हो "
"क्या था मैं उस समय ??
फर्स्ट ईयर में
तुम्हारे प्यार में पड़ने से मेरा मन पढ़ाई से हट गया था
बहुत बुरे मार्क्स आये थे मेरे
उस रिजेक्शन बाद मेरे मन में एक फायर पैदा हुयी थी की
मुझे तुम्हारे लायक बनना है
और मैं पढता गया, बढ़ता गया "
"मेरे मन में
मैं तुम्हारे साथ जुड़ा हुआ था तो कभी
कोई और भटकाव आया ही नहीं जीवन में
तो बस मंज़िलें मिलती गयी
रास्ते आसान होते गए
"आज मैं जो कुछ हूँ नीना
तुम्हारी वजह से , तुमसे प्यार करने की वजह से "
- मुरुगन कहीं सोचता सा गुम सा बोले जा रहा था
"सच"- नीना ने भावुक होकर मुरुगन का हाथ थाम लिया था
"बिलकुल सच 100 %"- खुलकर हॅसा था मुरुगन
नीना सोच रही थी
"ये मुरुगन भी कितना अच्छे दिल वाला लड़का है
इसने मेरे बुरे बर्ताव को भी इतने अच्छे से हैंडल किया
अगर प्यार लोगों को इतना अच्छा इंसान बना देता है
तो मुझे भी कम से कम एक बार तो प्यार करके देखना ही चाहिए "
कृपया आप मेरी और भी कहानियाँ और कवितायें पढ़ने के लिए मेरे ब्लॉग पर आये
और प्रार्थना है की आप मेरा ये ब्लॉग अपने परिवार और मित्रों से भी सांझा करें :)
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नीना ने नींद में ही फोन उठा कर
झुंझला कर बोला था
"हैलो नीना मैं मुरुगन "
नीना झटके से बिस्तर पे बैठ गयी थी
"मुरुगन तुम इतने सालों बाद "
मुरुगन खुलकर हॅंस कर बोला
"नीना तुम अभी भी नींद में हो
तुमने खुद मुझे कल देर रात पेज किया था "
"आ सॉरी "- नीना सर पे हाथ मारकर हँसी
"एंड व्हाट्स न्यू "
मुरुगन फिर हँसा
"हर क्षण नया है नीना "
और फिर वो दोनों दो घंटे लगातार बस
यहाँ की, वहाँ की
पुराने मोहल्ले की
बचपन से दोस्तों की
अपने घर वालों की
फिर अपने-अपने कॉलेज
अपने चैलेंजेज
अपने अचीवमेंट्स
अपने सपने
मतलब सारे जहाँ की बातें बस किये जा रहे थे
समय रुक सा गया था
डोरबेल की कर्कश आवाज़ से नीना होश में आयी
फिर फटाफट तय हुआ की दो दिन बाद संडे को
ब्रेकफास्ट पर "मवाली " में मिलते हैं
शनिवार शाम से ही नीना बैचैन थी
क्या ड्रेस पहनू
कौनसी स्लीपर्स या जूते
क्या ज्वेल्लेरी
वो खुद पर हैरान थी की वो तो ऐसे बर्ताव कर रही है
जैसे वो कोई डेट पे जा रही हो
आखिरकार जैसे-तैसे तैयार होकर वो
धड़कते दिल से वो "मवाली"पहुंच ही गयी
नीना ने समय देखा वो 15 मिनिट पहले ही पहुंच गयी थी
नीना को खुद पर गुस्सा आ रहा था
अभी उसने गाड़ी पार्क की ही थी की
किसे ने धीरे से उसका दरवाज़ा खोला
"हाय नीना "
वो मुरुगन ही था
नीना तो देखती ही रह गयी
बढ़िया बिज़नेस सूट, ब्लैक ग्लासेस
हाथ में सुर्ख गुलाबों का एक बुके
और आज वो उतना भी काला नहीं लग रहा था जितना स्कूल डेज में दिखता था :)
बल्कि
वो ....
वो तो आज गज़ब का हैंडसम लग रहा था
मुरुगन ने हाथ आगे बढ़ा कर नीना को कार से बाहर उतरने में हेल्प की
संडे का दिन था काफी यंग कपल्स थे वहां उस वक़्त
पूरी चहल -पहल थी
नीना ने महसूस किया की पार्किंग से रेस्टॉरेंट तक चलते हुए
लगभग सारे लोग उन दोनों की और ही देख रहे है
लड़कों की आँखों में अपने लिए प्रसंशा
और लड़कियों की आँखों में अपने लिए जलन उसे दिखी
पर हैरानी सबकी आँखों में थी
क्योंकि नीना ठहरी गोरी चिट्टी पंजाबी गर्ल
और मुरुगन
टॉल ,डार्क, हैंडसम विथ साउथी मुस्टैच बॉय
क्यों हम लोग दो अलग-अलग दिखने वाले लोगों के साथ-साथ होने को बहुत ही अजीब नज़रों से देखते है
चाहे फिर दोनों की लम्बाई में फ़र्क़ हो
या शारीरिक बनावट में
या लुक्स में
या फिर उनकी त्वचा के रंग में
मतलब केवल एक जैसे लोग ही साथ-साथ ...... :)
क्या अजीब रीत है
नीना और मुरुगन साथ बैठे तो
उनके बीच बरसों का गैप था
फिर से वही पुरानी बातें चल रही थीं की
अचानक मुरुगन ने सारी बात काट कर बीच में बोला
"नीना इससे पहले के मैं हिम्मत खो दूँ
मैं कहना चाहता हूँ की
मैं आज भी तुमसे प्यार करता हूँ
विल यू बी माइन ......."
"फ्रेंड "
नीना मुरुगन की बात को बीच में ही काट कर बोली थी
"हाँ मुरुगन हमें पहले दोस्ती से शुरू करना चाहिए
फिर देखते हैं के ये कहाँ तक पहुँचता है "
मुरुगन प्रशंसा भरी निगाहों से नीना को देख रहा था
कुछ रूककर मुरुगन बोला
"नीना तुम आज भी कितनी समझदार हो "
"नहीं मुरुगन मैं कभी समझदार नहीं थी
समझदार होती तो तुम्हारे साथ उस समय इतना बुरा व्यवहार .... "
शर्मिंदगी से नज़रें झुका ली थी नीना ने
"नहीं नीना तुम तब भी सही थी
तुम आज भी सही हो "
"क्या था मैं उस समय ??
फर्स्ट ईयर में
तुम्हारे प्यार में पड़ने से मेरा मन पढ़ाई से हट गया था
बहुत बुरे मार्क्स आये थे मेरे
उस रिजेक्शन बाद मेरे मन में एक फायर पैदा हुयी थी की
मुझे तुम्हारे लायक बनना है
और मैं पढता गया, बढ़ता गया "
"मेरे मन में
मैं तुम्हारे साथ जुड़ा हुआ था तो कभी
कोई और भटकाव आया ही नहीं जीवन में
तो बस मंज़िलें मिलती गयी
रास्ते आसान होते गए
"आज मैं जो कुछ हूँ नीना
तुम्हारी वजह से , तुमसे प्यार करने की वजह से "
- मुरुगन कहीं सोचता सा गुम सा बोले जा रहा था
"सच"- नीना ने भावुक होकर मुरुगन का हाथ थाम लिया था
"बिलकुल सच 100 %"- खुलकर हॅसा था मुरुगन
नीना सोच रही थी
"ये मुरुगन भी कितना अच्छे दिल वाला लड़का है
इसने मेरे बुरे बर्ताव को भी इतने अच्छे से हैंडल किया
अगर प्यार लोगों को इतना अच्छा इंसान बना देता है
तो मुझे भी कम से कम एक बार तो प्यार करके देखना ही चाहिए "
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प्रिय मित्रों ,
आप से आग्रह है ,कृपया आप मेरी और भी कहानियाँ और कवितायें पढ़ने के लिए मेरे ब्लॉग पर आये
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