Wednesday, June 3, 2020

वो चुड़ैल,-16

नीना सुशील और गौरव ने मिलकर
अगले दिन का सारा सीन सेट कर लिया था
नाज़ को इसकी खबर ना हो
इसके पूरी ऐतिहात रखी गयी थी
गौरव उस दिन कॉलेज से आखिरी के दो पीरियड बंक करके
कॉलेज से पहले ही निकल गया था

वो नीना की गाड़ी लेकर कॉलेज से दूर वाली मार्किट गया था
उसने नाज़ के लिए ग्रीटिंग कार्ड और एक गुलाब लिया
और ठीक कॉलेज ख़त्म होने के बाद
वो कॉलेज में था
जैसे ही गौरव ने कॉलेज कैंटीन में एंटर किया
नाज़,नीना और सुशिल साथ ही बैठे थे
प्लान के मुताबिक़ नीना और सुशील तुरंत वहां से गायब हो गए 
नाज़ नोट्स बना रही तो उसने
कोई ज्यादा ध्यान भी नहीं दिया था
गौरव मुस्कुराते हुए हाथ में
कार्ड और गुलाब लेकर नाज़ के सामने आकर बैठ गया
नाज़ ने सर उठाकर देखा तो बोली-
"गौरव ये कार्ड   गुलाब ...."
"ये क्या है "
गौरव हिचकिचाते हुए बोला-
"नाज़ ये तुम्हारे लिए है
मैं तुमसे दोस्ती करना चाहता हूँ "
नाज़ हॅसते हुए बोली -
"गौरव हम दोस्त तो हैं ही
एक ही क्लास में पढ़ते हैं "

"नहीं....  वो मैं तुमसे स्पेशल फ्रेंडशिप करना चाहता हूँ "- 
गौरव धीरे से बोला था

नाज़ कुछ पल के लिए खामोश हो गयी 
फिर खुद को सहेज के सधे हुए स्वर में बोली 
" देखो गौरव 
मैं अभी किसी स्पेशल रिलेशन में नहीं पड़ना नहीं चाहती
अभी मैं अपनी पढ़ाई पर फोकस करना चाहती हूँ  
और बाकी हम दोस्त तो है ही "
बस ये कहकर वो चुप हो गयी 
और अपनी किताबें समेत के 
कैंटीन के बाहर की तरफ चल पड़ी 

नाज़ के इस इंकार के बाद भी
पता नहीं क्यों
पर गौरव मुत्मइन था
शायद वो चाहता भी इतना सा ही था
उसने इस मुलाकात को नाज़ की ना की तरह नहीं
बल्कि अपने और नाज़ के बीच
एक और कदम नज़दीक बढ़ जाने की तरह से लिया था

उधर नाज़ ने अब गौरव को इग्नोर करना शुरू कर दिया था
नीना को ये साफ़-साफ़ दिख रहा था
उसने गौरव को ये कहने की कोशिश भी की
पर गौरव इस सब से अनजान सा ऐसे ही
नाज़ के ख्यालों में डूबा हुआ था
उसका भ्रम तब टूटा
जब एक दिन गौरव ने खुद नाज़ को
सीनियर सुरेंदर की मोटर साइकिल पे पीछे बैठकर
कॉलेज से बाहर निकलते देखा
और अगले दिन से तो पूरे कॉलेज में चर्चा थी की
कॉलेज की सबसे खूबसूरत लड़की नाज़
अब कॉलेज स्टड प्लेबॉय सुरेंदर की गर्लफ्रेंड है

गौरव तो टूट सा गया था
वो बस चुप सा हो गया था
उसने कॉलेज जाना बंद कर दिया था
और बस अपने कमरे में पड़ा रहता
उधर नाज़ भी अब नीना की कार में कॉलेज नहीं आती थी
बल्कि सुरेंदर ही रोज़ नाज़ को पिक-ड्राप करने लगा था
नीना जानती थी
नाज़ ख़ूबसूरत तो बहुत थी
पर एक बहुत ही सीधी सोबर सी लड़की थी 
जबकि सुरेंदर एक प्लेबॉय था
कई लड़कियों के साथ उसका रिश्ता अभी भी है
या पहले था ,अब टूट गया
का कनफुसन कॉलेज गॉसिप्स
और चर्चा में चलता ही रहता था
हाँ सुरेंदर था गज़ब का हैंडसम 
और बातों का जादूगर भी
पर नीना ऐसे लड़कों को खूब पहचानती थी
कई ऐसे लड़के देखे थे उसने दिल्ली कॉलेज में
पर नाज़ सुरेंदर के जादू में आ चुकी थी
उसने गौरव को ठुकराकर सुरेंदर को चुना था
साधारण से दिखने वाले गौरव का
खूबसूरत दिल वो देख नहीं पायी थी

इधर नीना ने नाज़ को समझाना चाहा तो
नाज़ बोली -
"नीना ये मेरा पर्सनल मैटर है
  सो प्लीज "

और फिर महीना ख़त्म होते ही नाज़ ने वो
नीना,सुशिल और गौरव वाला घर छोड़ दिया
और कॉलेज के नज़दीक एक पीजी में शिफ्ट हो गयी






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