Monday, June 8, 2020

हैसियत, 8

"ये रात को क्या था स्वीटी ?? "
बीनू चिंचित स्वर में बोली
स्वीटी बड़ी ही शांति से अपना ब्रेकफास्ट करते हुए चुप रही
"स्वीटी मैं तुमसे कुछ पूछ रही हूँ "
"रात को ये अनिल के साथ क्या था "
अब बीनू थोड़ा सा गुस्से में थी

"बीनू ,
देखो यार ,
चिल करो
क्या था ??
कुछ भी नहीं
पुराना दोस्त था
इतने साल बाद चीन में मिला
साथ खाना खाया
ड्रिंक किया
डांस किया "
"इसमें क्या टेंशन है ? "
स्वीटी खाते-खाते ही बोल रही थी

"दोस्त ???,
दोस्त था अनिल तेरा ????
अरे देखना तक पसंद नहीं करती थी तू उसे
वो बार-बार फोन करता था तुझे
कभी बात भी करती थी तुम उससे ? "
और अब ऐसे
ऐसे बेहयाई से डांस
वो भी सतीश के सामने "
बीनू चीख रही थी
होटल ब्रेकफास्ट बुफे में आजू-बाजू बैठे कई लोग
अब बीनू और स्वीटी को ही देख रहे थे

"धीरे दीदी "-
स्वीटी में बीनू को चुप कराया
"सतीश था ना वहां
जब उसे कोई प्रॉब्लम नहीं है
तो तुम्हे क्यों है ???
-स्वीटी

"पर स्वीटी
तू शादीशुदा है "
बीनू फिक्रमंद थी

"दीदी ये मेरी लाइफ है
इट्स नन ऑफ़ योर बिज़नेस
यू प्लीज
प्लीज स्टे आउट ऑफ़ इट "
स्वीटी हाथ जोड़ते हुए बोली थी
"और हाँ
शॉपिंग कल चलेंगे
अभी अनिल आ रहा है
और अनिल और मैं गाँजाओ सिटी घूमने जा रहे है "
"रात के खाने पे मेरा वेट मत करना "

और इतना कहते हुए स्वीटी होटल से बाहर निकल गयी

बीनू लगा जैसे पूरा संसार घूम रहा है
वो अपना सर पकड़ के धम्म से वहीँ कुर्सी पे बैठ गयी

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