"ये क्या है यार
हैं क्या ये लड़कियाँ
ये नीना ,शिखा ,रवीना कैसे मस्त बियर पी रहीं है
नाच रही हैं
साला कोई संस्कार ही नहीं इन लड़कियों में
ये दिल्ली की लड़कियां भी ना साली ... "
अरुण ने धीरे-धीरे बियर का घूँट लेते हुए मन ही मन सोचा था
सोहना लेख के किनारे खड़ी उनकी गाड़ी के
सारे दरवाजे,डिक्की सब खुले हुए थे
गाड़ी के स्टीरिओ पे मस्त तेज़ आवाज़ में इंग्लिश म्यूजिक बज रहा था
सब बियर पी रहे थे,
कुछ खा रहे थे
डांस कर रहे थे
बस एक अरुण ही था
जो अकेला पास की एक चट्टान पे गुमसुम बैठा था
तभी नीना उसके पास आयी और उसे खींचते हुए ग्रुप में ले गयी
और अरुण के दोनों हाथ अपने दोनों हाथों में लेकर डांस कराने लगी
जाने ये बियर की मदहोशी थी
या नीना के बदन की खुशबू
या वो मस्ती का माहौल
अरुण को अब कुछ याद ही नहीं रहा
अरुण भी अब नीना के साथ डांस करने लगा
अरुण ने जब गाने की बीट के हिसाब से डांस करना शुरू किया तो
एक के बाद एक सब के सब डांस करना छोड़कर
गोल घेरे में होना शुरू हो गए
वो बस चीयर कर रहे थे ,
तालियां बजा रहे थे ,
और अब बस अरुण और नीना डांस कर रहे थे
अरुण को गाने के बोल सुनाई नहीं दे रहे थे
अब बस धुन थी
और उन दोनों के शरीरों की थिरकन
अरुण बियर में मदहोश था
उसे नहीं पता क्या हो रहा था
वो बस एक अलग दुनिया में था
जहाँ मदहोशी थी,
खुशबू थी,
मस्त संगीत था,
रंग थे ,
और वो नारी जिस्म का कोमल स्पर्श
कुछ देर बाद जब म्यूजिक बंद हुआ
तो अरुण वापिस इसी दुनिया में लौटा
सब लोग जोर-जोर से तालिया बजा रहे थे
चिल्ला रहें थे
सीटियाँ बजा रहे थे
और फिर नीना ने अरुण को जोर से भींच कर हग किया
अरुण को लगा जैसे
नीना का पूरा वजूद उसके वजूद में समा गया था
और फिर नीना
एक कदम पीछे हटकर तालियाँ बजाते हुए ,
बोली थी -
"हे फ्रेशी ,
तू तो बिलकुल मिथुन की तरह नाचता है यार
तूने तो जान डाल दी आज की पिकनिक में
मुआअह्ह्ह्हह "
और सब जोर से हंस पड़े थे
वापिसी में अब आदि गाड़ी चला रहा था
नीना ने शायद ज्यादा बियर पी ली थी तो
वो अब पीछे वाली सीट पे अरुण के बिलकुल साथ बैठी थी
और अरुण के कंधे पे सर रखकर सो रही थी
अरुण ने धीरे से अपने दाहिने हाथ को नीना के पीछे से निकाल कर
नीना के दाहिने कंधे को थोड़ा सा दबाया
और नीना को और अपनी तरफ कर लिया
अरुण अब नीना की हर आती-जाती साँस महसूस कर रहा था
नीना के जिस्म की खुशबू ,
उसका नाज़ुक कोमल स्पर्श
इसी मदहोशी में अरुण ने भी धीरे से अपनी ऑंखें मूँद ली
पर अरुण को नहीं पता था की
आदि बैकव्यू मिरर में लगातार
अरुण की सब हरकतों को वाच कर रहा था ।
हैं क्या ये लड़कियाँ
ये नीना ,शिखा ,रवीना कैसे मस्त बियर पी रहीं है
नाच रही हैं
साला कोई संस्कार ही नहीं इन लड़कियों में
ये दिल्ली की लड़कियां भी ना साली ... "
अरुण ने धीरे-धीरे बियर का घूँट लेते हुए मन ही मन सोचा था
सोहना लेख के किनारे खड़ी उनकी गाड़ी के
सारे दरवाजे,डिक्की सब खुले हुए थे
गाड़ी के स्टीरिओ पे मस्त तेज़ आवाज़ में इंग्लिश म्यूजिक बज रहा था
सब बियर पी रहे थे,
कुछ खा रहे थे
डांस कर रहे थे
बस एक अरुण ही था
जो अकेला पास की एक चट्टान पे गुमसुम बैठा था
तभी नीना उसके पास आयी और उसे खींचते हुए ग्रुप में ले गयी
और अरुण के दोनों हाथ अपने दोनों हाथों में लेकर डांस कराने लगी
जाने ये बियर की मदहोशी थी
या नीना के बदन की खुशबू
या वो मस्ती का माहौल
अरुण को अब कुछ याद ही नहीं रहा
अरुण भी अब नीना के साथ डांस करने लगा
अरुण ने जब गाने की बीट के हिसाब से डांस करना शुरू किया तो
एक के बाद एक सब के सब डांस करना छोड़कर
गोल घेरे में होना शुरू हो गए
वो बस चीयर कर रहे थे ,
तालियां बजा रहे थे ,
और अब बस अरुण और नीना डांस कर रहे थे
अरुण को गाने के बोल सुनाई नहीं दे रहे थे
अब बस धुन थी
और उन दोनों के शरीरों की थिरकन
अरुण बियर में मदहोश था
उसे नहीं पता क्या हो रहा था
वो बस एक अलग दुनिया में था
जहाँ मदहोशी थी,
खुशबू थी,
मस्त संगीत था,
रंग थे ,
और वो नारी जिस्म का कोमल स्पर्श
कुछ देर बाद जब म्यूजिक बंद हुआ
तो अरुण वापिस इसी दुनिया में लौटा
सब लोग जोर-जोर से तालिया बजा रहे थे
चिल्ला रहें थे
सीटियाँ बजा रहे थे
और फिर नीना ने अरुण को जोर से भींच कर हग किया
अरुण को लगा जैसे
नीना का पूरा वजूद उसके वजूद में समा गया था
और फिर नीना
एक कदम पीछे हटकर तालियाँ बजाते हुए ,
बोली थी -
"हे फ्रेशी ,
तू तो बिलकुल मिथुन की तरह नाचता है यार
तूने तो जान डाल दी आज की पिकनिक में
मुआअह्ह्ह्हह "
और सब जोर से हंस पड़े थे
वापिसी में अब आदि गाड़ी चला रहा था
नीना ने शायद ज्यादा बियर पी ली थी तो
वो अब पीछे वाली सीट पे अरुण के बिलकुल साथ बैठी थी
और अरुण के कंधे पे सर रखकर सो रही थी
अरुण ने धीरे से अपने दाहिने हाथ को नीना के पीछे से निकाल कर
नीना के दाहिने कंधे को थोड़ा सा दबाया
और नीना को और अपनी तरफ कर लिया
अरुण अब नीना की हर आती-जाती साँस महसूस कर रहा था
नीना के जिस्म की खुशबू ,
उसका नाज़ुक कोमल स्पर्श
इसी मदहोशी में अरुण ने भी धीरे से अपनी ऑंखें मूँद ली
पर अरुण को नहीं पता था की
आदि बैकव्यू मिरर में लगातार
अरुण की सब हरकतों को वाच कर रहा था ।
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