"अनिल मैं तुम्हारे बिना मर जाउंगी
मैं तुम्हे बेइन्तेहाँ प्यार करती हूँ
तुम सुन रहे हो
सुन रहे हो तुम "
बीनू फोन पर चिल्लाये जा रही थी
बोले जा रही थी
वो लगातार रो रही थी
फोन के दूसरी और अनिल उदास सा सोच रहा था
आज क्यों फोन उठा लिया उसने बीनू का
जब कई महीने नहीं उठाया था तो
पर कब तक नहीं बात करता वो बीनू से
दोस्ती तो है ना
बचपन से
और
और अब
अब कैसे समझाऊ इस लड़की को की
प्यार कोई चीज़ नहीं है की स्वीटी ने नहीं ली
तो मैं उसे बीनू को दे दूँ
"क्या मैं सुन्दर नहीं हूँ
सब कहते हैं मैं स्वीटी से भी ज्यादा सुन्दर हूँ
हाँ मैं स्वीटी से भी ज्यादा सुन्दर हूँ
फिर क्या दिक्कत है तुम्हें
बोलो
कुछ बोलते क्यों नहीं "
बीनू फिर से चीखी थी
बीनू चीखती रही
चिल्लाती रही
रोती रही
और इधर अनिल
एक तरफ स्वीटी के प्यार में नाकाम होने का गम
वो प्यार जिसने उसे शक्ति दी
जीवन में कुछ करने की
आगे बढ़ने की
बचपन से ही से ही
हर दिन वो सोचता था
मुझे कुछ बड़ा करना है
कुछ बनना है ताकि
ताकि स्वीटी मुझे अपनाने में गर्व अनुभव करे
मुझे स्वीटी के काबिल बनना है
और आज जब वो सफलता की ओर दौड़ रहा है
जैसे सामने से मंजिल ही किसी ने चुरा ली हो
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कृपया आप मेरी और भी कहानियाँ और कवितायें पढ़ने के लिए मेरे ब्लॉग पर आये :)
manojgupta707.blogspot.com
मैं तुम्हे बेइन्तेहाँ प्यार करती हूँ
तुम सुन रहे हो
सुन रहे हो तुम "
बीनू फोन पर चिल्लाये जा रही थी
बोले जा रही थी
वो लगातार रो रही थी
फोन के दूसरी और अनिल उदास सा सोच रहा था
आज क्यों फोन उठा लिया उसने बीनू का
जब कई महीने नहीं उठाया था तो
पर कब तक नहीं बात करता वो बीनू से
दोस्ती तो है ना
बचपन से
और
और अब
अब कैसे समझाऊ इस लड़की को की
प्यार कोई चीज़ नहीं है की स्वीटी ने नहीं ली
तो मैं उसे बीनू को दे दूँ
"क्या मैं सुन्दर नहीं हूँ
सब कहते हैं मैं स्वीटी से भी ज्यादा सुन्दर हूँ
हाँ मैं स्वीटी से भी ज्यादा सुन्दर हूँ
फिर क्या दिक्कत है तुम्हें
बोलो
कुछ बोलते क्यों नहीं "
बीनू फिर से चीखी थी
बीनू चीखती रही
चिल्लाती रही
रोती रही
और इधर अनिल
एक तरफ स्वीटी के प्यार में नाकाम होने का गम
वो प्यार जिसने उसे शक्ति दी
जीवन में कुछ करने की
आगे बढ़ने की
बचपन से ही से ही
हर दिन वो सोचता था
मुझे कुछ बड़ा करना है
कुछ बनना है ताकि
ताकि स्वीटी मुझे अपनाने में गर्व अनुभव करे
मुझे स्वीटी के काबिल बनना है
और आज जब वो सफलता की ओर दौड़ रहा है
जैसे सामने से मंजिल ही किसी ने चुरा ली हो
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