Saturday, June 20, 2020

हम भारतीय (kavita)


हम (भारतीय) ना ज़िद्दी हैं 
ना कोई ईगो रखतें हैं 
अब ज़्यादा क्या कहें 
हम तो दोस्तों में जीते हैं 
और हमेशा दोस्ती में मरते हैं 

दुखता है जब सही होकर भी
ग़लत ठहराये जाते हैं 
तब अक्सर दुश्मनों पर कम 
रीढ़विहीन दोस्तों पर ग़ुस्सा ज्यादा करते हैं 

पर अब बस बहुत हुआ 
अब हमें और नहीं सहना है 
अब तो बस दिल की सुनना है
पर दिमाग से कहना है


तेरी आँख में आँख डाल हम 
बराबरी से बात करेंगे दोस्त मेरे
तू जो समझता हो समझ 
हम करेंगें वही, जो हो देशहित में मेरे 

अरे ये पथ्थर गिरा तो फिर देख 
तू भी कहाँ बच पायेगा 
मेरा घर जलाने का सोचा भी तो 
पहले तू अपने हाथ जलाएगा 

ये जंगें ताक़त की कम 
सियासत की ज्यादा होती है प्यारे 
हर तरफ से घिरे हैं तो क्या 
निकलेंगें हम जीत चक्रव्यूह सारे  

हमें शांति से मनन कर 
हर कदम फूंक-फूंक के धरना होगा 
अब अपने ही अश्रु-रक्त-स्वेद का 
स्वाद हमें चखना होगा 

हम (भारतीय) ना ज़िद्दी हैं 
ना कोई ईगो रखतें हैं 
अब ज़्यादा क्या कहें 
हम तो दोस्तों में जीते हैं 
और हमेशा दोस्ती में मरते हैं। 

#भारत  #चीन  #Galwan
----------------------------------------------------------------------------------------
प्रिय मित्रों ,
मैं आपका ह्रदय से आभारी हूँ की
आपका स्नेह मुझे लगातार मिल रहा है 😇
कृपया आप मेरी और भी कहानियाँ और कवितायें पढ़ने के लिए मेरे ब्लॉग
manojgupta707.blogspot.com  पर आये,  FOLLOW करें
और प्रार्थना है की आप मेरा ये ब्लॉग अपने परिवार और मित्रों से भी सांझा करें 😊
------------------------------------------------------------------------------------------






No comments:

Post a Comment