"नीना तेरा दिमाग खराब हो गया है क्या ?
तेरी शादी मुरुगन से ??
कहाँ तू , कहाँ वो मद्रासी
उसकी कोई पर्सनालिटी भी है
तू इतनी स्मार्ट, खूबसूरत
इंटेलीजेंट मॉडर्न लड़की
और वो ?
क्या है वो ?
तुम दोनों का कोई मेल भी है ? "
SHO साब चिल्लाये थे
"हां पापा कोई मेल नहीं है
सच में कोई मेल नहीं है
वो इतना इंटेलीजेंट,
स्कॉलर,
बी टेक , MBA LONDON
इतनी अच्छी नौकरी
मैं केवल MBA,
और इतने बुरे मार्क्स लिए हैं मैंने की
कोई भी नौकरी मिलना मुश्किल है "
"पापा लुक्स ही सब कुछ नहीं होते
और सच कहूं तो लुक्स भी उसके मुझसे अच्छे है
हाँ बस रंग मेरा गोरा है "
नीना बोलते-बोलते हँस पडी थी
नीना को बच्चों की तरह हँसता देख
अब SHO साब भी कुछ नरम पड़ गए थे
"पर नीना बेटे
हम पंजाबी
वो मद्रासी
रीत-रिवाज
कल्चर कितना फ़र्क़ है बेटे
सारे रिश्तेदारी में क्या मुँह दिखाऊंगा मैं ? "
"पापा आप ये कह रहे हैं ?
आप ?
आप कब से रिश्तेदारों की इतनी परवाह करने लगे
हम दो बहनें थीं
सब रिश्तेदारों ने आपको कितना कहा
एक बेटा तो होना चाहिए और बच्चे करो
आपने सब को चुप कराया
आप ही तो फख्र से कहते हो, मेरे दो बेटी हैं
पर तुम सब के सौ बेटों पर भारी हैं मेरी बेटियां
आपकी बेटी ने ये फैसला बहुत सोच-समझ कर किया है
पापा , आप मुझ पर विश्वास करो
मैं खुश रहूँगी
वो बहुत अच्छा है पापा
मान जाओ ना
मेरे अच्छे पापा "
नीना बच्चो की तरह पापा के गले में झूल गयी
जैसे बचपन में करती थी
नीना कहना तो और भी बहुत कुछ चाहती थी के पापा
" इन पिछले छे महीनों में ,
मैं और मुरुगन एक-दूसरे के बहुत करीब आ गए है
पिछले तीन महीने से तो हम दोनों साथ रह भी रहे हैं
तो ये फैसला हम बहुत देख-समझ कर कर रहें हैं
कोई जल्दबाज़ी में नहीं
बहुत प्यार करता है मुरुगन मुझसे
और मैं भी उसे जी-जान से चाहती हूँ
वो मुझे खुश रखेगा "
पर कहाँ कह पायी नीना इतना सब पापा से
वो खुद को कितना भी मोड्रन समझ ले पर आज भी
भारत में लडकियां कहाँ इतना खुल के माँ-बाप के सामने अपना मन खोल पाती हैं
पर नीना ने घुमा-फिर के ही सही
अपना पासा तो फेंक दिया था
और इस राम बाण का SHO साब के पास कोई तोड़ नहीं था
"ओके मेरी चुड़ैल "
हँसते हुए SHO साब ने हार मानते हुए कहा था
( SHO साब नीना को बचपन से ही वो प्यार से छेड़ते थे , चुड़ैल बोलकर )
"पापा आपने दोबारा चुड़ैल कहा ना तो मैंने कभी आपसे बात नी करनी "
नीना ने झटके से SHO साब की गर्दन छोड़ी
और नकली गुस्से से पैर पटकते हुए बोली
और फिर दोनों बाप-बेटी हॅसते हुए गले लग गए
"मेरी प्यारी चुड़ैल "
"मेरे प्यारे पापा "
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आपका स्नेह मुझे लगातार मिल रहा है 😇
कृपया आप मेरी और भी कहानियाँ और कवितायें पढ़ने के लिए मेरे ब्लॉग पर आये
और प्रार्थना है की आप मेरा ये ब्लॉग अपने परिवार और मित्रों से भी सांझा करें 😊
manojgupta707.blogspot.com
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तेरी शादी मुरुगन से ??
कहाँ तू , कहाँ वो मद्रासी
उसकी कोई पर्सनालिटी भी है
तू इतनी स्मार्ट, खूबसूरत
इंटेलीजेंट मॉडर्न लड़की
और वो ?
क्या है वो ?
तुम दोनों का कोई मेल भी है ? "
SHO साब चिल्लाये थे
"हां पापा कोई मेल नहीं है
सच में कोई मेल नहीं है
वो इतना इंटेलीजेंट,
स्कॉलर,
बी टेक , MBA LONDON
इतनी अच्छी नौकरी
मैं केवल MBA,
और इतने बुरे मार्क्स लिए हैं मैंने की
कोई भी नौकरी मिलना मुश्किल है "
"पापा लुक्स ही सब कुछ नहीं होते
और सच कहूं तो लुक्स भी उसके मुझसे अच्छे है
हाँ बस रंग मेरा गोरा है "
नीना बोलते-बोलते हँस पडी थी
नीना को बच्चों की तरह हँसता देख
अब SHO साब भी कुछ नरम पड़ गए थे
"पर नीना बेटे
हम पंजाबी
वो मद्रासी
रीत-रिवाज
कल्चर कितना फ़र्क़ है बेटे
सारे रिश्तेदारी में क्या मुँह दिखाऊंगा मैं ? "
"पापा आप ये कह रहे हैं ?
आप ?
आप कब से रिश्तेदारों की इतनी परवाह करने लगे
हम दो बहनें थीं
सब रिश्तेदारों ने आपको कितना कहा
एक बेटा तो होना चाहिए और बच्चे करो
आपने सब को चुप कराया
आप ही तो फख्र से कहते हो, मेरे दो बेटी हैं
पर तुम सब के सौ बेटों पर भारी हैं मेरी बेटियां
आपकी बेटी ने ये फैसला बहुत सोच-समझ कर किया है
पापा , आप मुझ पर विश्वास करो
मैं खुश रहूँगी
वो बहुत अच्छा है पापा
मान जाओ ना
मेरे अच्छे पापा "
नीना बच्चो की तरह पापा के गले में झूल गयी
जैसे बचपन में करती थी
नीना कहना तो और भी बहुत कुछ चाहती थी के पापा
" इन पिछले छे महीनों में ,
मैं और मुरुगन एक-दूसरे के बहुत करीब आ गए है
पिछले तीन महीने से तो हम दोनों साथ रह भी रहे हैं
तो ये फैसला हम बहुत देख-समझ कर कर रहें हैं
कोई जल्दबाज़ी में नहीं
बहुत प्यार करता है मुरुगन मुझसे
और मैं भी उसे जी-जान से चाहती हूँ
वो मुझे खुश रखेगा "
पर कहाँ कह पायी नीना इतना सब पापा से
वो खुद को कितना भी मोड्रन समझ ले पर आज भी
भारत में लडकियां कहाँ इतना खुल के माँ-बाप के सामने अपना मन खोल पाती हैं
पर नीना ने घुमा-फिर के ही सही
अपना पासा तो फेंक दिया था
और इस राम बाण का SHO साब के पास कोई तोड़ नहीं था
"ओके मेरी चुड़ैल "
हँसते हुए SHO साब ने हार मानते हुए कहा था
( SHO साब नीना को बचपन से ही वो प्यार से छेड़ते थे , चुड़ैल बोलकर )
"पापा आपने दोबारा चुड़ैल कहा ना तो मैंने कभी आपसे बात नी करनी "
नीना ने झटके से SHO साब की गर्दन छोड़ी
और नकली गुस्से से पैर पटकते हुए बोली
और फिर दोनों बाप-बेटी हॅसते हुए गले लग गए
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"मेरे प्यारे पापा "
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मैं आपका आभारी हूँ कीआपका स्नेह मुझे लगातार मिल रहा है 😇
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