"स्वीटी तू कल सारा दिन कहाँ थी ???
कितनी परेशान थी मैं
और तू रात को भी नहीं आईं
तुमने मुझे फोन तक भी नहीं किया
मैंने तेरा फोन हज़ार बार मिलाया
हर बार बस
स्विच -ऑफ
बार-बार
स्विच ऑफ "
बीनू बहुत चिंतित थी स्वीटी के लिए
" दीदी मैं
बची थोड़े हूँ
मैं वो बस
वो अनिल के साथ थी "
स्वीटी ने हंसकर आँखे चुराते हुए बोला
" पहले शहर घूमा
फिर अनिल को कुछ काम था
तो बस
ऐसे ही दिन निकल गया
रात को कुछ ज्यादा हो गयी थी तो मैं
वहीँ रुक गयी "
"अनिल के साथ ही "
"स्वीटी तुझे पता है
तू क्या कह रही है "
गुस्से से उखड गयी थी बीनू
"दीदी प्लीज आप शांत हो जाओ
देखो मैंने आपसे झूठ तो नहीं बोला ना
तो प्लीज
अब आप भी ये बात अपने तक ही रखना "
"आय प्रॉमिस ऐसा फिर कभी नहीं होगा "
"मेरी अच्छी दीदी "
और स्वीटी लाड से बीनू के गले से लग गयी
और बीनू ने देखे स्वीटी के कानो में नए डायमंड इयररिंग्स
शायद अनिल का नया गिफ्ट
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कृपया आप मेरी और भी कहानियाँ और कवितायें पढ़ने के लिए मेरे ब्लॉग पर आये :)
manojgupta707.blogspot.com
कितनी परेशान थी मैं
और तू रात को भी नहीं आईं
तुमने मुझे फोन तक भी नहीं किया
मैंने तेरा फोन हज़ार बार मिलाया
हर बार बस
स्विच -ऑफ
बार-बार
स्विच ऑफ "
बीनू बहुत चिंतित थी स्वीटी के लिए
" दीदी मैं
बची थोड़े हूँ
मैं वो बस
वो अनिल के साथ थी "
स्वीटी ने हंसकर आँखे चुराते हुए बोला
" पहले शहर घूमा
फिर अनिल को कुछ काम था
तो बस
ऐसे ही दिन निकल गया
रात को कुछ ज्यादा हो गयी थी तो मैं
वहीँ रुक गयी "
"अनिल के साथ ही "
"स्वीटी तुझे पता है
तू क्या कह रही है "
गुस्से से उखड गयी थी बीनू
"दीदी प्लीज आप शांत हो जाओ
देखो मैंने आपसे झूठ तो नहीं बोला ना
तो प्लीज
अब आप भी ये बात अपने तक ही रखना "
"आय प्रॉमिस ऐसा फिर कभी नहीं होगा "
"मेरी अच्छी दीदी "
और स्वीटी लाड से बीनू के गले से लग गयी
और बीनू ने देखे स्वीटी के कानो में नए डायमंड इयररिंग्स
शायद अनिल का नया गिफ्ट
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