"सरला ,
सरला , माँ सो गयी ना ?
मैं 15 मिनिट में घर आ रहा हूँ
दरवाज़े पे आकर फिर फोन करूंगा
धीरे से गेट खोल देना "
और फोन कट गया था
सरला को कुछ सेकंड के बाद एहसास हुआ की
ये अनुज था
रात के ग्यारह बज रहे थे
सरला अपने कमरे में लेटी टीवी देख रही थी
सरला ने कमरे से बाहर आकर देखा
शारदा जी के कमरे की लाइट बंद थी
इसका मतलब वो सो गयीं थीं
लगभग आधे घंटे बाद सरला का फोन फिर बजा
" सरला दरवाज़ा खोलो "
ये अनुज ही था
सरला ने धीरे से ,बगैर कोई आवाज़ किये दरवाज़ा खोल दिया
अनुज के अंदर आते ही एक तेज़ बदबू का गुबार भी अंदर आया
अनुज ड्राइंग रूम के सोफे पे आकर बैठ गया था
सरला ने उसे पानी लाकर दिया
अनुज एक बार में ही पूरा गिलास पी गया
सरला एक गिलास पानी और ले आयी और बोली
"खाना खाएंगे ?"
"हाँ "- अनुज ने जवाब दिया
सरला देख रही थी की अनुज अपने को बहुत सँभालने की कोशिश कर रहा है
पर साफ़ पता चल रहा था की वो बहुत ज्यादा नशे में है
सरला ने खाना गर्म किया और लाकर रख दिया
अनुज खाने लगा था
अनुज इतनी बुरी तरह खा रहा था की आधा खाना वो गिरा रहा था
सरला चुपचाप वहीं खड़ी रही
" और लाऊँ "
सरला ने पूछा था
"नहीं"
और अपनी कमीज की ब्याह से अपना मुँह पोंछता अनुज
झूलता सा अपने कमरे की बढ़ चला
झूठे बर्तन उठाकर सरला भी किचन जाने को मुड़ी ही थी की
पीछे से अनुज की आवाज़ आयी
"यू आर टू गुड सरला "
सरला हैरान सी ,
झूठे बर्तन हाथ में लिए वहीँ खड़ी रह गयी
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